हमारे जीवन में पैसा, प्रेम या परमात्मा किसका महत्व है – आचार्य विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा

Author Picture
By Deepak MeenaPublished On: June 14, 2024
  • विजय नगर स्कीम नं. 54 श्वेताम्बर जैन मंदिर उपाश्रय में श्रावक-श्राविकाओं ने लिया प्रवचनों का लाभ, आज सुखलिया क्षेत्र में होगी धर्मसभा

इन्दौर : मनुष्य जीवन की तीन कक्षाएं, तीन स्तर की होती हैं वह भ्रमण, प्रवास और यात्रा। जहां जीवन का केंद्र बिंदु केवल पैसा है, वह जीवन की भ्रमण अवस्था है। जहां पैसा महत्वपूर्ण नहीं वहां प्रेम केंद्र बिंदु होता यह जीवन की प्रवास अवस्था होती है। जहां पैसा व प्रेम दोनों के साथ ही परमात्मा केंद्र बिंदु हो वह अवस्था यात्रा की होती हैं। परमात्मा पेड़ की मूल यानी जड़ है अगर जड़ ही नहीं होगी तो जीवन ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमें यह तय करना होगा कि हमारे जीवन में पैसा, प्रेम या परमात्मा किसका महत्व है।

उक्त विचार विजय नगर स्कीम नं. 54 स्थित श्वेताम्बर जैन मंदिर उपाश्रय में आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंनेै अपने प्रवचनों के माध्यम से सभी जैन धर्मावलंबियों को पैसा, प्रेम या परमात्मा का महत्व बताया। श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति संयोजक कल्पक गांधी एवं अध्यक्ष विजय मेहता ने बताया कि शुक्रवार को प्रवचन में विजय नगर संघ की ओर से संजय पोरवाल, आर सी।

मेहता, रसमेश मेहता, पियूष जैन आदि ने महाराज की ससंघ अगवानी की। कल्पक गांधी ने बताया कि आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा 15 एवं 16 जून को सुखलिया स्थित श्वेताम्बर जैन उपाश्रय में 9.15 से 10.15 बजे तक सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। वहीं 17 से 18 जून क्लर्क कालोनी, 19 से 21 जून वल्लभ नगर, 22 से 23 जून पत्थर गोदाम, 24 से 29 जून रेसकोर्स रोड़, 30 जून राऊ एवं 1 से 3 जून जानकी नगर संघ में आचार्यश्री का मंगल प्रवेश होगा।

संलग्न चित्र- स्कीम नं. 54 स्थित उपाश्रय में आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए।