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सावन में शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रकोप: इन 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

भगवान शनि

भगवान शनि

हर साल सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का प्रमुख समय माना जाता है, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर जब शनि देव की साढ़े साती या ढैय्या कुछ राशियों पर चल रही हो, तब सावन का यह शुभ महीना भी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक दृष्टि से परेशानियों का कारण बन सकता है। 2025 के सावन में चार राशियां ऐसी हैं जिन पर शनि की विशेष दृष्टि या प्रभाव है। आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये राशियां, उनके लिए संभावित कष्ट और उनसे बचाव के सरल उपाय।

इन 4 राशियों पर रहेगा शनि का भारी असर

मकर राशि:
इस राशि पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। मकर राशि के जातकों को इस समय अपने स्वास्थ्य और पारिवारिक मामलों में सतर्कता बरतनी चाहिए। कार्यक्षेत्र में अस्थिरता और मानसिक तनाव संभव है। निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

कुंभ राशि:
कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण है, जो सबसे कठिन माना जाता है। इस समय नौकरी में स्थानांतरण, बॉस से विवाद या कार्य में विफलता जैसे अनुभव हो सकते हैं। धन हानि और कानूनी मामलों में फंसने की संभावना भी बनी रहती है।

मेष राशि:
मेष राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। यह स्थिति आपको ग़लतफहमियों का शिकार बना सकती है। जीवनसाथी से अनबन, मित्रों से दूरी और परिवार में कलह की आशंका है। आर्थिक मामलों में विशेष सावधानी जरूरी है।

कर्क राशि:
कर्क राशि वालों पर भी शनि की ढैय्या चल रही है। इस समय मानसिक चिंता, पारिवारिक कलह और वित्तीय अनिश्चितता बढ़ सकती है। निवेश करने से पहले सोच-समझकर कदम उठाना जरूरी होगा।

शनि के प्रभाव से कैसे प्रभावित होता है जीवन

शनि को कर्मों का दंडाधिकारी कहा गया है। यदि आपकी कुंडली में शनि प्रतिकूल स्थिति में है या वर्तमान में साढ़े साती या ढैय्या चल रही है, तो कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जिसमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हड्डियों की कमजोरी, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द आदि शामिल हैं. इसके अलावा आर्थिक संकट, विशेष रूप से आय में कमी या खर्चों में अप्रत्याशित वृद्धि भी होती है। रिश्तों में तनाव, विशेषकर जीवनसाथी, पिता या वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हो सकती है। मानसिक दबाव और आत्मविश्वास में कमी दिखेगी। शनि की दशा जीवन में स्थायित्व और अनुशासन लाने के लिए होती है, लेकिन अगर यह अनुकूल न हो तो व्यक्ति को मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती।

शनि के प्रकोप से बचाव के आसान और प्रभावी उपाय

अगर आप उन राशियों में आते हैं जिन पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव है।

शिव पूजा करें– सावन में भगवान शिव की आराधना करना शनि दोष को शांत करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है। विशेषकर “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का जप करें।

शनि मंत्र का जाप करें– “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।

शनिवार का व्रत रखें– काले तिल, उड़द दाल, काले वस्त्र और लोहा का दान करें।

शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं– इससे शनि दोष में कमी आती है और मानसिक शांति मिलती है।

हनुमानजी की आराधना करें – मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

सावन में शिव और हनुमान दोनों की उपासना करने से शनि की पीड़ा काफी हद तक कम की जा सकती है।

सकारात्मक सोच और संयम से करें समय का सामना

कई बार ग्रहों की दशा मनोबल को भी प्रभावित करती है। शनि एक ऐसा ग्रह है जो जीवन में ‘धैर्य’ और ‘संयम’ की परीक्षा लेता है। यदि कोई जातक शनि की साढ़े साती या ढैय्या के दौरान सकारात्मक सोच के साथ संयम, सेवा और साधना का मार्ग अपनाता है, तो उसे दीर्घकालीन लाभ अवश्य प्राप्त होते हैं। सावन का यह पावन मास सिर्फ पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि आत्मावलोकन का भी समय है। इस दौरान हम अपने कर्मों को सुधारकर शनि जैसे ग्रहों के प्रभाव को भी अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं।

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