वैदिक ज्योतिष में शुक्र और राहु दोनों ग्रहों को विशेष महत्व प्राप्त है। जहां शुक्र को भौतिक सुख-संपत्ति, प्रेम और कला का प्रतिनिधि माना जाता है, वहीं राहु को छल, भ्रम और आकस्मिक घटनाओं का कारक ग्रह माना जाता है।
इन दोनों ग्रहों के बीच गुरु-शिष्य का संबंध माना जाता है, और आमतौर पर इनकी युति कुछ हद तक लाभकारी मानी जाती है। लेकिन अगस्त 2025 में बनने जा रहा इन दोनों का विशेष संयोग कई राशियों के लिए अशुभ प्रभाव लेकर आ सकता है।
शुक्र का राहु स्वामी आर्द्रा नक्षत्र में गोचर
1 अगस्त 2025 को शुक्र ग्रह मिथुन राशि के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जो कि राहु का स्वामित्व वाला नक्षत्र है। यह संयोग लगभग 11 दिनों तक रहेगा और इस दौरान राहु के प्रभाव से शुक्र की ऊर्जा प्रभावित होगी। भले ही शुक्र को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, लेकिन राहु की उपस्थिति इसे भ्रमित और अस्थिर बना सकती है। इस समय कई राशियों के लिए आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक तनाव की स्थिति बन सकती है।
आर्द्रा नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व
आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में 6°40′ से 20° तक फैला होता है और यह राहु के प्रभाव में आता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग आमतौर पर तीव्र बुद्धि वाले, शोध परक सोच रखने वाले, और रचनात्मक होते हैं। वे शिक्षा, लेखन, और रिसर्च जैसे क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। लेकिन जब कोई ग्रह इस नक्षत्र में गोचर करता है, तो राहु का प्रभाव उनकी स्थिरता और निर्णय क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
इन राशियों को रहना होगा विशेष सतर्क
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को इस संयोग के चलते आर्थिक कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में घाटे की आशंका है और कमाई के स्रोत धीमे हो सकते हैं। कार्यस्थल पर विरोधी सक्रिय रहेंगे और करियर से जुड़े फैसले जल्दबाजी में लेने से नुकसान हो सकता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
मीन राशि
मीन राशि के लिए यह समय मानसिक तनाव से भरा रह सकता है। प्रेम संबंधों में गलतफहमियां बढ़ेंगी और करियर में ठहराव आने की संभावना है। छात्रों को पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और घर में वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आत्म-नियंत्रण और संयम से काम लेना ही समाधान होगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए यह संयोग आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अचानक खर्चों में बढ़ोतरी होगी और गलत निवेश या लेनदेन से नुकसान हो सकता है। अनजान व्यक्तियों पर भरोसा करना भारी पड़ सकता है, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है। पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में भी टकराव की स्थिति बन सकती है।
क्या करें इस समय में सावधानी बरतने के लिए?
- राहु और शुक्र से जुड़े मंत्रों का जाप करें, जैसे – “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ शुं शुक्राय नमः”।
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि राहु का प्रभाव गंदगी से जुड़ा होता है।
- गलत संगति और असत्य से दूर रहें।
- माता लक्ष्मी और भगवान शिव की आराधना करें ताकि शुक्र और राहु दोनों के नकारात्मक प्रभावों से राहत मिल सके।
- किसी भी बड़े निवेश या निर्णय से पहले ज्योतिषीय सलाह अवश्य लें।
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