Site icon Ghamasan News

500 साल पुराना है जबलपुर का कुशावर्तेश्वर महादेव मंदिर, ये है खासियत

500 साल पुराना है जबलपुर का कुशावर्तेश्वर महादेव मंदिर, ये है खासियत

नर्मदा तट जिलहरीघाट पर कुशवावर्तेश्‍वर महादेव का प्राचीन मंदिर है। इसके निर्माण का वास्‍तविक काल की जानकारी तो अभी तक किसी को भी नहीं पता होगी। लेकिन इस मंदिर के बारे में बताते हुए वसंत चिटणीस मालगुजार सुहजनी वाले ने बताया है कि ये मंदिर लगभग 565 वर्षों से उनके संरक्षण में हैं। दरअसल, ये मंदिर जबलपुर में नर्मदा नदी के उत्तर तट पर स्थित सभी प्राचीन मंदिरों से भी प्राचीन हैं। ऐसे में यहां सावन में हर साल बड़ी संख्‍या में लोग भोले का अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं।

इस मंदिर की व्यवस्था महाराष्‍ट्र समाज देख रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र ब्रह्मवृन्द समाज के पदाधिकारियों ने इस मंदिर को लेकर बताया है कि ये अत्यंत ख्याति प्राप्त मंदिर है। दरअसल, यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं और महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ये प्रकृति की गोद में बसा अति मनोहर मंदिर है, मंदिर प्रांगण में भ्रमण की पर्याप्‍त व्यवस्था है और उसके सामने की ओर नर्मदा नदी का मनोरम तट इसकी सुंदरता को द्विगुणित कर देते हैं। बता दे, यहां से मां नर्मदा का सौंदर्य भी आकर्षक दिखता है। यहां का वातावरण बहुत शांत है।

जानकारी एक मुताबिक, ये स्वयंसिद्ध मंदिर है जहां पर प्रारंभ में एक कुंड था। बताया जाता है कि यहां शिवलिंग के नीचे जिलहरी ही थी और इसी कारण से नर्मदा नदी के इस घाट को जिलहरी घाट के नाम से जाना जाने लगा। कालांतर में साधु संतों का अत्यधिक जमावड़ा इस कुंड के आसपास होने लगा। ऐसे में इस कुंड को सदैव के लिए बंद करके उसी स्थान पर वर्तमान मन्दिर का निर्माण किया गया।

 

Exit mobile version