हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है. यह दिन ऊर्जा, आत्मबल, तेज और स्वास्थ्य के प्रतीक भगवान सूर्य की पूजा और साधना का विशेष अवसर होता है. ऐसा माना जाता है कि अगर रविवार को कुछ खास नियमों का पालन न किया जाए या कुछ विशेष कार्यों से परहेज न किया जाए, तो सूर्यदेव की कृपा क्रोध में बदल सकती है.
जी हां, भगवान सूर्य को तेजस्वी और न्यायप्रिय देवता माना जाता है. वे अनुशासन और शुद्धता के प्रतीक हैं. आइए जानें कि रविवार को कौन-से 4 काम करने से बचना चाहिए ताकि सूर्यदेव की कृपा हमेशा बनी रहे.
रविवार को न करें ये 4 काम
हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है. रविवार को सूर्यदेव का दिन माना जाता है, जो जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सफलता के प्रतीक हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ काम ऐसे भी हैं जो रविवार को करने से सूर्यदेव अप्रसन्न हो सकते हैं? धर्मशास्त्र और पुराणों के अनुसार, इन कार्यों से सूर्यदेव का आशीर्वाद रुक सकता है और जीवन में विघ्न-बाधाएं आ सकती हैं.
1. रविवार को बाल कटवाना या शेविंग करना- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार को बाल कटवाना, नाखून काटना या शेविंग करना वर्जित होता है.
क्यों न करें: यह सूर्य की ऊर्जा में कटौती का प्रतीक माना जाता है, जिससे आत्मबल और निर्णयशक्ति कमजोर हो सकती है.
2. तामसिक भोजन का सेवन- रविवार को सात्विक आहार की सलाह दी जाती है क्योंकि यह दिन शरीर की ऊर्जा को शुद्ध करने का दिन होता है.
क्यों न करें: तामसिक भोजन शरीर और मन में आलस्य और अशुद्धता लाता है, जिससे सूर्यदेव अप्रसन्न हो सकते हैं.
3. सूर्य उदय के समय सोना या लेटे रहना- रविवार को विशेष रूप से सूर्योदय से पहले उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परंपरा है.
क्यों न करें: देर तक सोना जीवन में ऊर्जा की कमी और भाग्य में रुकावटें ला सकता है. यह सूर्य की कृपा को दूर कर सकता है.
4. झूठ बोलना या किसी का अपमान करना- रविवार को सत्य, शुद्धता और विनम्रता का पालन करना अत्यंत आवश्यक है.
क्यों न करें: सूर्यदेव सत्य और न्याय के प्रतीक हैं। झूठ बोलना या किसी के साथ गलत व्यवहार करना उनकी कृपा को रुष्ट कर सकता है.
रविवार को करें ये शुभ काम:
.सूर्योदय के समय तांबे के लोटे से जल में रोली, चावल, लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें.
.“ॐ घृणि सूर्याय नमः” या “आदित्य हृदय स्तोत्र” का जाप करें.
.गुड़, गेहूं, तांबा, लाल वस्त्र का दान करें.
.वृद्धों और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दें.