हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. इस पूरे महीने में शिवभक्त उपवास रखते हैं, व्रत करते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस पावन मास में की गई पूजा, जप, तप और दान से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर प्रकार के संकट से मुक्ति प्रदान करते हैं.
श्रावण मास में कब करें अभिषेक? जानें खास दिन
श्रावण मास में विशेष रूप से सोमवार का महत्व अत्यधिक होता है. इसे श्रावण सोमवारी व्रत कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. इसके अलावा श्रावण मास की शिवरात्रि (18 जुलाई 2025) – यह दिन शिव पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. प्रत्येक सोमवार (सोमवारी व्रत) – शिवलिंग पर जल चढ़ाकर व्रत करना विशेष फलदायी होता है. प्रदोष व्रत (त्रयोदशी तिथि) – शाम को शिव पूजन से समस्त दोषों का नाश होता है.
किस-किस चीज से करें शिव अभिषेक और क्यों?
1. गंगाजल: भगवान शिव को गंगाजल अति प्रिय है. इससे शिवजी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है.
2. कच्चा दूध: शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से मन शांत होता है और मानसिक तनाव दूर होता है.
3. शहद: इससे वाणी में मधुरता आती है और रिश्तों में मिठास बनी रहती है.
4. दही: दही से अभिषेक करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
5. बेलपत्र: बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय है, इसे त्रिदेव का प्रतीक माना गया है.
6. भस्म: शिव को भस्माराधक कहा गया है, इससे भोग और मोह से मुक्ति मिलती है.
7. शीतल जल और चंदन: ताप और क्रोध को शांत करने में सहायक होता है.
श्रावण मास में शिव पूजा के लाभ– इस मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, बेलपत्र अर्पित करना और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. पर सवाल यह है कि आखिर क्यों? और इससे कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
1. मनोकामना पूर्ति और सुख-शांति- श्रावण में शिव पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. विशेषकर सोमवार को व्रत रखने और शिव अभिषेक करने से जीवन में शांति, स्थिरता और संतुलन आता है.
2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश- शिव की उपासना से शरीर और वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है. इससे डिप्रेशन, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.
3. वैवाहिक जीवन में मधुरता- श्रावण सोमवार को कुंवारी कन्याएं शिवजी का व्रत रखती हैं ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिले. विवाहित स्त्रियां शिव-पार्वती की पूजा कर वैवाहिक जीवन को सुखद बनाती हैं.
4. धन और करियर में उन्नति- जो व्यक्ति श्रावण में नियमपूर्वक शिव का जलाभिषेक करता है, उसके जीवन में आर्थिक समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होती हैं. यह मास वृश्चिक, मीन, कर्क और वृषभ राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी होता है.
5. कर्मों का शुद्धिकरण- श्रावण मास में शिव उपासना से पूर्व जन्मों और वर्तमान जीवन के पापकर्मों का क्षय होता है. ‘शिव महापुराण’ में भी इस महीने को कर्म सुधार का मास कहा गया है.
6. स्वास्थ्य में सुधार- आयुर्वेद के अनुसार यह महीना शारीरिक और मानसिक शुद्धिकरण के लिए उत्तम है. बेलपत्र, गंगाजल, शहद और पंचामृत से अभिषेक करने से मानसिक शांति और ऊर्जा का संचार होता है.
7. शिव मंत्रों का जाप देने लगता है सिद्धि- “ॐ नमः शिवाय”, “महामृत्युंजय मंत्र”, और “शिव तांडव स्तोत्र” का जाप करने से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है और जीवन की परेशानियां धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं.