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सावन के महीने में इस दिन भूलकर भी ना खरीदे चूड़ियां, जाने क्या है हिंदू धर्म में इसका महत्व

सावन के महीने में इस दिन भूलकर भी ना खरीदे चूड़ियां, जाने क्या है हिंदू धर्म में इसका महत्व

सावन का महीना शुरू हो चुका है यह महीना हिंदू धर्म में बेहद पवित्र और पावन माना जाता है। इस सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना और पूजा पाठ के साथ व्रत भी रखे जाते हैं। सावन महीने में सोमवार का खास महत्व है। सावन सोमवार को सभी भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा पाठ करते हैं।

सावन के महीने को विवाहित महिलाओं के लिए सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस महीने में महिलाओं को किस दिन चूड़ी खरीदनी चाहिए और किस दिन नहीं खरीदनी चाहिए इसको लेकर यहां बताया गया है आइए इसके बारे में जानते हैं।

किस दिन हरी चूड़ियां खरीदना है शुभ?

सावन के महीने में हरी चूड़ियां खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि रविवार और मंगलवार के दिन हरी चूड़ियां नहीं खरीदनी है। इस दिन हरी चूड़ियां खरीदना अशुभ माना जाता है। मंगलवार और रविवार को छोड़कर किसी भी दिन आप चूड़ियां खरीद सकते हैं।

हरी चूड़ियां धारण करने का तरीका

हरी चूड़ियों को धारण करने से पहले मन में मां पार्वती और भगवान शिव की आराधना करें। इसके बाद चूड़ियों को गंगाजल या शुद्ध जल में इनको शुद्ध कर ले इसके बाद धारण करें। इन चूड़ियों को किसी खास मकसद या पूजा पाठ के लिए खरीदा गया है तो उसके बाद ही इसे धारण करें।

चूड़ियों को धारण करते समय इस बात का खास ध्यान रखें की चूड़ियां पहनते समय आसपास स्वच्छ और शांत वातावरण मौजूद हो। इसके अलावा इस बात का खास ध्यान रखें कि सावन के महीने में अगर आप किसी गरीब या सुहागन महिलाओं को हरी चूड़ियां दान करते हैं, तो यह बेहद शुभ माना जाता है। यह दान पुण्य के श्रेणी में आता है।

हरी चूड़ियों से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं

हरी चूड़ियां सुहागन महिलाओं के लिए सौभाग्य और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है। कहां जाता है कि हरी चूड़ियां पहनना वैवाहिक जीवन में सुख लेकर आता है। हरी चूड़ियां सुहागन महिलाओं के जीवन में समृद्धि बढ़ता है साथ ही पति की आयु में वृद्धि होती है। अगर आप यह हरी चूड़ियां धारण करते समय मां पार्वती और भगवान शिव का स्मरण करते हैं तो वह आपको आशीर्वाद देते हैं।

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