भगवान शिव के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाने वाला रुद्राक्ष सिर्फ एक माला या बीज नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत होता है. लेकिन यदि इसे बिना विधि-विधान और वास्तु के नियमों के विरुद्ध पहन लिया जाए, तो इसका प्रभाव कमजोर या उल्टा भी हो सकता है. इसलिए यदि आप रुद्राक्ष पहनने की सोच रहे हैं, तो पहले जान लीजिए ये 7 जरूरी वास्तु नियम, जिससे इसका पूरा फल आपको मिल सके.
रुद्राक्ष धारण करने से पहले ये 7 जरूरी वास्तु नियम
रुद्राक्ष को शिव का स्वरूप माना गया है और इसे पहनने वाला व्यक्ति बाधाओं, मानसिक तनाव, और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहता है. लेकिन रुद्राक्ष तभी फल देता है जब उसे वास्तु और शास्त्र सम्मत तरीके से धारण किया जाए. यदि नियमों की अनदेखी की जाए, तो इसका उल्टा प्रभाव भी हो सकता है.
1. शुद्धता और पवित्रता है सबसे पहली शर्त- रुद्राक्ष धारण करने से पहले व्यक्ति को नहाकर शुद्ध वस्त्र पहनना चाहिए, रजस्वला स्त्री या किसी शोक/मृत्यु के बाद व्यक्ति को कुछ समय तक रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए.
2. सही संख्या का चयन करें (मुख के अनुसार)- रुद्राक्ष में 1 से लेकर 21 मुख तक होते हैं, और हर मुख का अलग फल होता है, 5 मुखी रुद्राक्ष: सामान्य व्यक्ति के लिए श्रेष्ठ – स्वास्थ्य व शांति के लिए, 1 मुखी रुद्राक्ष: अत्यंत दुर्लभ – ध्यान, ब्रह्म ज्ञान के लिए, 6 मुखी: विद्यार्थी और करियर वालों के लिए उत्तम, 7 मुखी: धन और व्यवसाय में वृद्धि हेतु, बिना ज्योतिषीय सलाह के किसी भी रुद्राक्ष को धारण न करें.
3. रुद्राक्ष पहनने की सही दिशा और समय- रुद्राक्ष को सोमवार, श्रावण मास, महाशिवरात्रि या अमावस्या/पूर्णिमा पर पहनना श्रेष्ठ माना जाता है, इसे पहनने से पहले उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके ओम नम: शिवाय मंत्र के साथ पूजा करें.
4. कभी न करें ये काम रुद्राक्ष पहनकर-रुद्राक्ष पहनकर मांस, मदिरा, धूम्रपान, असत्य भाषण और अपवित्रता वाले कार्यों से बचना चाहिए,इसे शौचालय में प्रवेश करते समय, या शारीरिक संबंध के दौरान उतार देना चाहिए.
5. रुद्राक्ष की धारण विधि – धागा या चांदी/सोना- रुद्राक्ष को लाल/पीले धागे या फिर चांदी या सोने की चेन में धारण करना शुभ माना जाता है. पहनने से पहले शिवलिंग पर चढ़ाकर मंत्रजप करें और पंचामृत से अभिषेक करें.
6. रुद्राक्ष की नियमित सफाई और चार्जिंग जरूरी है- सप्ताह में एक बार रुद्राक्ष को गंगाजल या साफ पानी में धोकर धूप में सुखाएं, हल्का सरसों तेल या गाय का घी भी लगाकर आप इसे ऊर्जा से भरपूर रख सकते हैं.
7. कभी न पहनें टूटा या नकली रुद्राक्ष- टूटा हुआ या कीड़ा लगा रुद्राक्ष अशुभ माना जाता है. बाजार में नकली रुद्राक्ष भी उपलब्ध हैं, इसलिए प्रामाणिक स्थान से ही खरीदें और उसकी जांच करवा लें.