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Ayodhya News: 492 साल बाद चांदी के पालने में झूले रामलला, दर्शन के लिए लगा भक्तों का तांता

Ayodhya News: 492 साल बाद चांदी के पालने में झूले रामलला, दर्शन के लिए लगा भक्तों का तांता

रामनगरी अयोध्या में 492 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अब रामलला को उनके मूलभूत सुविधाएं ट्रस्ट मुहैया करा रहा है। बताया जा रहा है कि 90 के दशक से टेंट में रहने वाले भगवान रामलला को अब 28 वर्षों बाद अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट ने एक झूलनोत्सव का आयोजन रखा है। इसका आयोजन राम जन्मभूमि परिषर में किया है। बता दे, रामलला को शाम को संगीत के रूप में कजरी और पद सुनाए जा रहे हैं।

पहले रामलला लकड़ी के साधारण झूलों पर विराजमान कराए जाते थे लेकिन अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी के झूले भगवान रामलला को समर्पित किए गए हैं। इसको लेकर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि विवादित ढांचे में जब रामलला विराजमान थे।

वहां पर संगीत का कार्यक्रम चलता था, लेकिन ढांचा गिरने के बाद वहां पर सब बंद रहा। इस वर्ष ट्रस्ट ने चांदी का झूला बनाकर के रामलला को समर्पित किया है। इससे लोगों में बड़ा उत्साह हुआ। आगे दास ने बताया है कि रामलला के परिसर में झूलनोत्सव का आनंद लेते हुए भगवान रामलला को अब संगीत भी सुनाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है। ऐसे में अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों से विग्रह मणि पर्वत तक पालकियों में गाजे बाजे के साथ जाते हैं और वहीं पर झूला झूलते हैं। बता दे, मणि पर्वत वही जगह है जहां माता सीता झूला झूलने आया करती थीं। इस ही वजह से हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को यहां बड़े महोत्सव का आयोजन होता है और यहां भगवान के विग्रह द्वारा झूला झूलने के साथ ही पूरे देश में झूलन महोत्सव शुरू हो जाता है। इस बीच हर्षोल्लास का माहौल रहता है, जिसे देखने के लिए लाखों लोग अयोध्या आते हैं।

 

 

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