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क्या बॉस से हमेशा खटपट बनी रहती है? वजह हो सकते हैं ये ग्रह, करें ये उपाय, करियर में मिलेगी जबरदस्त तरक्की

Astro tips

क्या आपके साथ ऐसा होता है कि आप पूरे मन से काम करते हैं, फिर भी बॉस से तारीफ की जगह ताने सुनने को मिलते हैं? आपकी मेहनत को अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है? यदि हां, तो इसका कारण सिर्फ आपकी कार्यशैली नहीं, बल्कि आपकी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी हो सकती है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कार्यस्थल पर तनाव, बॉस से मतभेद और गलतफहमियां अक्सर कुछ विशेष ग्रहों की प्रतिकूल दशा की ओर इशारा करती हैं।

दशम भाव और ग्रहों का प्रभाव

‘बृहत् पाराशर होरा शास्त्र’ और ‘मुहूर्त चिंतामणि’ जैसे प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है कि यदि दशम भाव यानी कर्म स्थान में पाप ग्रहों का योग हो या वे नीच राशि में हों, तो कार्यक्षेत्र में बाधाएं आती हैं। विशेष रूप से शनि, राहु, मंगल और बुध जैसे ग्रह अगर कुंडली में अशुभ स्थिति में हों तो बॉस के साथ मतभेद, गलतफहमियां और करियर में रुकावटें उत्पन्न होती हैं।

शनि, कर्म का न्यायाधीश, पर कड़ी परीक्षा लेता है

शनि को कर्म, अनुशासन और परिश्रम का कारक माना जाता है। अगर शनि आपकी कुंडली में नीच राशि मेष में स्थित हो, या वह दशम, तीसरे, छठे या आठवें भाव में हो, तो यह बॉस से सहयोग में कमी और आलोचना का कारण बनता है। शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव हो तो स्थिति और भी कठिन हो सकती है।

उपाय: शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। काले उड़द या काले जूते का दान भी लाभकारी है। कार्यस्थल पर धैर्य और संयम बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि शनि सबसे ज्यादा धैर्य की परीक्षा लेता है।

राहु, भ्रम और गलतफहमियों का जनक

राहु व्यक्ति के जीवन में भ्रम, झूठी स्थितियों और मानसिक उलझनों का कारण बनता है। अगर राहु आपकी कुंडली के दशम, लग्न या सप्तम भाव में हो, तो यह कार्यक्षेत्र में गलत निर्णय, गलतफहमियां और बॉस से टकराव का कारण बनता है।

उपाय: बुधवार को गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। साथ ही शनिवार को नारियल को बहते जल में प्रवाहित करें। इससे राहु का प्रभाव कम होता है और कार्यस्थल पर संचार में स्पष्टता आती है।

मंगल, ऊर्जा का कारक लेकिन विवाद का भी कारण

मंगल साहस, शक्ति और जुनून का प्रतीक है। लेकिन यदि मंगल नीच राशि कर्क में हो या उस पर शनि-राहु की दृष्टि हो, तो यह कार्यक्षेत्र में विवाद, क्रोध और बॉस से टकराव की स्थिति पैदा करता है।

उपाय: मंगलवार को हनुमान मंदिर जाकर लाल चंदन और फूल चढ़ाएं, तथा ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। मसूर की दाल या लाल मूंगा का दान भी लाभदायक होता है। कार्यस्थल पर शांत और विनम्र व्यवहार बनाए रखें।

सूर्य, आत्मविश्वास बढ़ाता है, पर अहंकार भी ला सकता है

सूर्य आत्मसम्मान और नेतृत्व क्षमता का प्रतिनिधि ग्रह है। यदि यह कुंडली में तुला राशि में हो या राहु-केतु के साथ युति में हो, तो व्यक्ति में अहंकार और बॉस से टकराव की प्रवृत्ति आ सकती है।

उपाय: रोज सुबह तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य दें और ‘ॐ ह्रीं सूर्याय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। रविवार को गेहूं, गुड़ या लाल कपड़ा दान करना भी शुभ होता है। कार्यस्थल पर नम्रता और विनम्रता को प्राथमिकता दें।

कुछ आसान उपाय जो तुरंत राहत देंगे

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