नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रफ़्तार अब भारत में धीमी होती जा रही है। वही अब सरकार इस पर रणनीति बनाने में जुटी है कि कोरोना वैक्सीन कैसे लोगों तक पहुंचानी है। इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी सांझा की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के 6 मामले सामने आए हैं जो चिंता का विषय हैं। हालांकि इस बात की आशंका हमें पहले ही थी और हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो के विजय राघवन ने कहा कि, “कोरोना वैक्सीन यूके और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले वेरिएंट्स के खिलाफ भी काम करेंगी। इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि, वर्तमान वैक्सीन इन कोरोना वेरिएंट्स से बचाने में नाकाम रहेंगी।” साथ ही नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि, ठंड के मौसम में बड़ी आबादी अभी भी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अतिसंवेदनशील है। नए स्ट्रेन ने भारत समेत कई देशों की यात्रा की है, ऐसे में हमें सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान कोई भी लापरवाह नहीं हो सकता है।
वही स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि, “देश के कुल सक्रिय मामलों का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से है। लगभग 24 फीसदी मामले केरल में, 21 फीसदी महाराष्ट्र में, 5 फीसदी से कुछ अधिक पश्चिम बंगाल में, लगभग 5 फीसदी उत्तर प्रदेश में और 4.83 फीसदी मामले छत्तीसगढ़ में हैं।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि, करीब 6 महीने बाद कोरोना के रोजाना नए मामले 17,000 से कम हैं। 6 महीने के बाद दैनिक मौतें का आंकड़ा भी 300 से कम हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसके अलावा 60 या उससे अधिक आयु वर्ग में 55 फीसदी मौतें हुई हैं। कोरोना संक्रमण से होने वाली कुल मौतों में 70 फीसदी पुरुष हैं।
मंत्रालय ने कहा कि, भारत में कोविड-19 के कुल 63 फीसदी मामले पुरुषों में सामने आए जबकि 37 फीसदी महिलाएं संक्रमित हुईं हैं। कोविड-19 से हुई कुल मौतों में से 45 फीसदी मामले 60 साल से कम उम्र वालों के हैं। कोविड-19 के अब तक सामने आए 52 फीसदी मामले 18-44 आयुवर्ग के लोगों में मिले।