इस बार अलग होगा आजादी का जश्न, नजर नहीं आएंगे स्कूली बच्चे

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नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच देश आजादी का जश्न मनाएगा। 15 अगस्त को अपने 74वें स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे। हालांकि कोरोना संकट के चलते इस बार लाल किले की तस्वीर कुछ और होगी। वहां हर बार जैसा जश्न नहीं होगा।

इस बार समारोह में सिर्फ नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के 500 बच्चे शामिल होंगे। इन बच्चों में भी हर एक में 6 फीट की दूरी रहेगी। पहले हर स्वतंत्रता दिवस समारोह पर मौजूद स्कूली बच्चों का जोश देखते ही बनता था। हर साल करीब 3,500 स्कूली बच्चे मौजूद रहते थे और उन्हें प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने का मौका भी मिलता था लेकिन इस बार स्कूली बच्चे मौजूद नहीं रहेंगे।

कोरोना के कारण इस बार समारोह के लिए ओपन पास जारी नहीं किए जा रहे हैं। इसी तरह प्राचीर के भी दोनों तरफ सिर्फ 150 मेहमान होंगे। पहले हर साल ऐसे मेहमानों की संख्या 300 से 500 होती थी। अब कई वीआईपी प्राचीर की जगह सामने फोरग्राउंड पर कुर्सियों पर बैठे नजर आएंगे। कुल मेहमानों की संख्या 2000 के आसपास रखी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को थल सेना, वायुसेना और नौसेना के जवानगार्ड ऑफ ऑनर देंगे। इनमें करीब 22 जवान और अफसर होंगे। वहीं, राष्ट्रीय सैल्यूट में 32 जवान और अफसर होंगे, साथ में दिल्ली पुलिस के जवान भी होंगे। कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से ये जवान चार पंक्तियों में खड़े होंगे और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को बनाए रखेंगे।

इस बार समारोह में कोरोना वॉरियर्स भी शामिल होंगी। चर्चा है कि कोरोना वॉरियर्स में दिल्ली पुलिस के 200 जवान, अर्धसैनिक बलों के जवान और स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हो सकते हैं। कोरोना से रिकवर हो चुके कुछ लोगों को भी बुलाए जाने की चर्चा है।

इस बीच रक्षा मंत्रालय ने लाल किले पर ध्वाजारोहण की रस्सी हैंडल करने वाली सैन्य महिला अफसर का कोरोना टेस्ट कराया है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री जब ध्वजारोहण करेंगे तो वे उसी रस्सी को पकड़ेंगे जिसे पहले महिला सैन्य अफसर हैंडल करेंगी।