इंदौर (Indore News) : मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा गत दिनों कलेक्टर और कमिश्नर कॉन्फ्रेस में दिये गये निर्देशों के परिपालन में इंदौर जिले में कलेक्टर श्री मनीष सिंह के निर्देश में भू-अभिलेख (रिकार्ड) के शुद्धिकरण हेतु पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान राजस्व अधिकारियों द्वारा गांव-गांव पहुंचकर रिकार्ड शुद्धिकरण का कार्य किया जा रहा है। इसी सिलसिले में आज इंदौर जिले के अनेक गांवों में पटवारी पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों के समक्ष बी-वन तथा राजस्व अभिलेख का वाचन किया। ग्रामीणों से प्राप्त त्रुटियों के शुद्धिकरण की कार्यवाही की गयी।
जिले में शुद्धिकरण पखवाड़े के तहत भू-अभिलेख में सुधार के लिये कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने विस्तृत दिशा-निर्देश और समयबद्ध कार्यक्रम जारी किया है। राजस्व अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस दिशा-निर्देशों का पालन करे। समस्त गांव में पहुंचकर खसरा/खतौनी के वाचन एवं अशुद्धिओं के चिन्हाकांन हेतु कार्य करे। भू-अभिलेख (रिकार्ड) के शुद्धिकरण हेतु पखवाडा मनाया जा रहा है। निर्देश दिये गये है कि उक्त शुद्धिकरण पखवाडे के दौरान भू-अभिलेख में विद्यमान अशुद्वियों, प्रचलित नाम ( छोटी बहू, टप्पू इत्यादि) के अभिलेख में दर्ज होने, राजस्व अभिलेख एवं आधार में अंकित नाम में भिन्नता इन्द्राज होने तथा ऐसी ही अन्य त्रुटियों में सुधार किया जाये।
राजस्व अभिलेखों के शुद्ध न होने के कारण नागरिकों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे शासन की योजनाओं (पी.एम. किसान, फसल बीमा योजना आदि) का लाभ प्राप्त नहीं हो पाना, बैंक से ऋण प्राप्त करने में समस्या, नामांतरण एवं बटवारा प्रकरणों में कार्य करने में भी क्षेत्रीय कर्मचारियों को कठिनाई होती है। भू-अभिलेख में उपलब्ध असमानताओं एवं रिकार्ड की त्रुटियों को ठीक होने हेतु भू-अभिलेख (रिकार्ड) शुद्धिकरण का आयोजन किया जा रहा है।
शुद्धिकरण पखवाडे के अन्तर्गत वर्तमान राजस्व अभिलेखों में मौजूद विभिन्न प्रकार की अशुद्धियों को प्रत्येक गांव में खसरा खतौनी का वाचन करते हुए (राजस्व अभिलेखो का भौतिक सत्यापन/खातेदारों/कृषकों/ग्राम चौकीदार से चर्चा उपरांत) चिन्हित किया जायेगा। इस दौरान चिन्हित अशुद्धियों के प्रकरण तैयार किये जा कर सारा एप के माध्यम से प्रकरण तैयार किये जायेंगे। ऐसे तैयार प्रकरण शुद्धिकरण के संबंध में निर्णय हेतु संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार अथवा सक्षम अधिकारी को प्रेषित किये जायेंगे।
पटवारी के माध्यम से अभिलेख शुद्धिकरण हेतु प्राप्त ऐसे प्रकरणों के संबंध में सक्षम अधिकारी संबंधित पक्षकारों को आपत्ति/सुनवाई का अवसर देते हुए निराकरण करेगें। निराकरण उपरांत शुद्ध भू-अभिलेख की एक प्रति (अमल उपरांत) संबंधित पक्षकार/पक्षकारों को निशुल्क प्रदाय करने के पश्चात् ही प्रकरणों का अन्तिम निराकरण मान्य किया जायेगा। उक्त कार्य हेतु समस्त अनुविभागीय अधिकारी प्रत्येक पटवारी के क्षेत्राधिकार अन्तर्गत आने वाले पटवारी हल्का/ग्राम पंचायत के समस्त ग्रामों में खसरा खतौनी के वाचन एवं अशुद्धियों के चिन्हाकंन हेतु निश्चित कार्यक्रम/रोस्टर तैयार करेंगे।
रोस्टर में निर्धारित दिन एवं दिनांक को पटवारी निश्चित गांव में रहकर खसरा खतौनी का वाचन करायेगें, यह सुनिश्चित करने हेतु पर्यवेक्षण के लिए पृथक से वरिष्ठ अधिकारियों अथवा अन्य विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी भी लगायेंगे। निश्चित दिन एवं दिनांक को खातेदारों/कृषकों के निर्धारित वाचन स्थल पर उपस्थित रहने हेतु मुनादी करायी जायेगी। वाचन के दिन उपस्थित समस्त लोगों का पंचनामा स्थानीय जन प्रतिनिधि, प्रबुध्द जनों की अनिवार्य उपस्थिति में मय हस्ताक्षर तैयार किया जायेगा।
वर्तमान में राजस्व अभिलेखों में विद्यमान अशुद्धियां में से कुछ अशुद्धियों को राज्य स्तर से चिंहित किया गया है जो कि पूर्व से ही संबंधित तहसीलदारों के लॉगिन पर उपलब्ध है। संबंधित तहसीलदारों नायब तहसीलदारों को राज्य स्तर पर चिन्हांकित अभिलेख की प्रिंट निकालकर पटवारीवार वितरित की जायेगी, ताकि पटवारी, फील्ड सत्यापन, स्टेक होलर्स से चर्चा उपरांत प्रकरण तैयार करके निर्णय हेतु प्रस्तुत कर सके। शेष त्रुटियों को विद्यमान राजस्व अभिलेख (खसरा/खतौनी) के वाचन एवं विद्यमान राजस्व अभिलेख की जांच से चिन्हित किया जायेगा। तत्पश्चात् विहित प्रक्रिया का अनुसरण कर चिन्हित अशुद्धियों से रहित शुद्ध भू-अभिलेख तैयार किया जायेगा।