भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंताओं का उल्लेख किया है। उनके बयान को खास महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि इस समय अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क जैसे प्रमुख व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में खड़े हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों की पहचान
दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है। उनका मानना है कि यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो केंद्रीय बैंक मुद्रा की आपूर्ति पर नियंत्रण खो सकता है। उन्होंने चेताया कि इससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जहां बैंकिंग प्रणाली को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ेगा।
केंद्रीय बैंक की भूमिका पर प्रकाश
गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंक संकट के समय मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करता है और मुद्रास्फीति पर नजर रखता है। अगर क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बढ़ता गया तो केंद्रीय बैंक की यह क्षमता कम हो जाएगी, जिससे आर्थिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी का प्रभाव
शक्तिकांत दास ने कहा कि यह जरूरी है कि वित्तीय प्रणाली पर क्रिप्टोकरेंसी का हावी होना रोका जाए। उन्होंने पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में अपने संबोधन में कहा कि यह एक ऐसा जोखिम है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस प्रकार, आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के प्रति सचेत करते हुए स्पष्ट किया कि इसे एक महत्वपूर्ण वित्तीय मुद्दा माना जाना चाहिए।