EVM अनलॉक करने के लिए रवींद्र वायकर के रिश्तेदार ने किया फोन का इस्तेमाल, नतीजों के बाद एक और मोड़!

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मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र में बड़ा घमासान हुआ. शिंदे गुट के रवींद्र वायकर और उद्धव ठाकरे गुट के अमोल कीर्तिकर के बीच कांटे की टक्कर रही. कीर्तिकर महज 48 वोटों से हार गए. लेकिन इस नतीजे को अभी तक उद्धव ठाकरे गुट ने स्वीकार नहीं किया है. ठाकरे सेना केंद्रीय चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई की तैयारी में जुट गई है. वहीं अब इस मामले में एक बड़ा मोड़ आ गया है. इस पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

रवीन्द्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ अपराध दर्ज 

वोटों की गिनती को लेकर ठाकरे सेना के अमोल कीर्तिकर ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद वनराई पुलिस ने रवीन्द्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर और चुनाव आयोग के एनकोर ऑपरेटर दिनेश गुरव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. भले ही इस सीट का नतीजा घोषित हो चुका है लेकिन कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं।

जांच में बड़ा खुलासा

विकार के बहनोई ने मतगणना केंद्र में इस्तेमाल किए गए फोन को ईवीएम मशीन से कनेक्ट करवाया था। इस मोबाइल पर आए ओटीपी से ईवीएम मशीन को अनलॉक किया गया। आरोप है कि पोल पोर्टल संचालक दिनेश गुरव ने वायकर के बहनोई मंगेश पांडिलकर को मतगणना केंद्र पर अपना फोन इस्तेमाल करने की अनुमति दी। यह घटना तब हुई जब मतदान केंद्र में फोन का उपयोग प्रतिबंधित था। यह घटना 4 जून को नेस्को केंद्र में हुई थी। पुलिस ने इस फोन को जब्त कर लिया है. इसे अब फोरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। फोन पर उंगलियों के निशान लिए जाएंगे. मामले में गुरव और पांडिलकर को 41(ए) का नोटिस जारी किया गया है. उन्हें पेश होने के लिए बुलाया गया है.

सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी

प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद यह सामने आएगा कि पांडिलकर आखिर किसके संपर्क में थे। वनराई पुलिस ने चुनाव आयोग से एंट्री पॉइंट, स्ट्रॉन्ग रूम जैसी अहम जगहों की सीसीटीवी फुटेज मांगी है . उसके आधार पर पुलिस आगे की जांच करेगी. ऐसे में इस मामले में नया मोड़ आ गया है.