दीपों से सजेगा रामलला का दरबार, ऐसी होगी अयोध्या नगरी की दिवाली

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अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली दिवाली को लेकर उत्तर प्रदेश में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं खबर ये भी है कि सीएम योगी भी इस उत्साह की तैयारी जोरो शोरों से कर रहे  हैं। ये उनके कार्यकाल का चौथा दीपोत्सव है। बताया जा रहा है कि इस बार यूपी में दिवाली का त्यौहार बेहद खास होने वाला है। क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। वहीं योगी सरकार भी इस साल दिवाली को राम मंदिर के लिए बेहद खास बनाना चाहती है। जिसकी तयारी भव्य रूप में की जा रही है। इस कार्यक्रम की शुरुआत राम जन्मभूमि परिसर में संध्या काल की आरती के साथ की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी इस साल अयोध्या में सरकारी गोशालाओं द्वारा गाय के गोबर से तैयार किए गए विशेष दीपकों को जलाकर भव्य दीपोत्सव का आगाज करेंगे। ये 1992 के बाद पहला मौका है जब बड़ी तादात में राम जन्मभूमि परदीप जलाए जाएंगे। बता दे, इस कार्यक्रम को लेकर और कोरोना को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइन बनाई है। जिसके मुताबिक, दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अनुमति पत्र लेना होगा। इसके बिना वह पर किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। इसको लेकर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया है कि कोरोना के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सभी कार्य समय पर पूरे किए जाएं इसकी तैयारी की गई है।

दीपोत्सव में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कितने लोग शामिल हो सकते हैं, उनसे भी आधी संख्या में लोगों को दीपोत्सव में शामिल होने के लिए पास जारी किया जाएगा। बिना पास के पर्यटक या किसी भी अन्य व्यक्ति को दीपोत्सव में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सबसे पहले रामलला के परिसर में मुख्यमंत्री जाएंगे और वहीं पर राम लला की आरती कर दीपोत्सव की शुरुआत की अनुमति राम लला से लेंगे। बता दे, इस  साल भी सभी कार्यक्रम पहले की तरह ही होते रहेंगे।

वहीं साकेत महाविद्यालय से रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां निकाली जाएगी। इस साल रामलला के दरबार में 5 लाख दीप लगाए जाएंगे। साढे 5 लाख दीपक जलाकर नया कीर्तिमान बनाने की तैयारी है। जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष भी यहां पर 4,26,000 दीपक जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था। इस बार उस रिकॉर्ड से भी आगे निकलने की तैयारी है। दरअसल, पिछली बार के 12 घाटों के मुकाबले इस बार 24 घाटों पर दीप जलाए जाएंगे। वहां पर 10,000 वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे।

इस कार्यक्रम को लेकर अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि शंकर सिंह ने कहा कि  इस बार के आयोजन में विश्वविद्यालय का बहुत ही अहम योगदान होगा। पिछले वर्ष हमने 4,26,000 दीपक जलाए थे।इस बार हमने 6 लाख से अधिक दीपक जलाने का लक्ष्य रखा है।  घाटों की संख्या भी पहले 12 थी इस बार 24 घाट दिए गए हैं। इसलिए कार्य दोगुना हो गया है। आयोजन में कुल 8000 सक्रिय वॉलंटियर्स होंगे। 2000 वॉलंटियर को रिजर्व में रखा गया है। इस प्रकार कुल 10,000 वॉलंटियर काम में लगेंगे. हम अपने छात्र और छात्राओं को काम में लगाएंगे।