राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि आरोपपत्र में शामिल आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को पहले गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। इसमें कहा गया है कि ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो मुद्राओं के माध्यम से वित्त पोषित किया गया था।
एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन का इस्तेमाल किया था। इनमें 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दो मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।
इस साल 1 मार्च को आईटीपीएल बेंगलुरु के रुकफील्ड के रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था। एनआईए, जिसने 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की, ने विभिन्न राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में कई तकनीकी और क्षेत्रीय जांच की।
जांच एजेंसी के अनुसार, कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रहने वाले दोनों व्यक्ति आईएसआईएस कट्टरपंथी थे। वे अन्य भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे और माज़ मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थे।बयान में कहा गया है, ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से प्राप्त भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया था, और डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था।