मोदी सरकार ने बदला 123 साल पुराना कानून, राज्यसभा में महामारी संशोधन विधेयक 2020 पास

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नई दिल्ली : शनिवार को राज्यसभा में महामारी रोग विधेयक (संशोधन) 2020 पास हो गया. इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने संसद में पेश किया. इस दौरान हर्षवर्धन ने कहा कि, ‘कोरोना से जुड़े कलंक के कारण, कई स्वास्थ्यकर्मियों जिसमें डॉक्टरों, पैरामेडिक्स सम्मिलित हैं, उनका किसी न किसी रूप में अपमान हुआ है. इसे लेकर केंद्र ने माना कि एक कानून, एक निषेधात्मक तंत्र की जरुरत है.

सजा का प्रावधान…

महामारी के दौरान देश के डॉक्टर्स, नर्स, आशा कार्यकर्ताओं आदि पर हमला किया जाता है तो इस विधेयक में सजा का प्रावधान भी है. डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को नुक़सान पहुंचाने पर अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है. वहीं 2 लाख रु तक के जुर्माने का भी प्रावधान है.

महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने के लिए सरकार लाई थी अध्यादेश

बता दें कि संशोधित बिल को अप्रैल 2020 में देश के स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध हमलों के लिए कड़ी सजा देने के लिए महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने के लिए सरकार द्वारा अध्यादेश लाया गया था. कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत में डॉक्टर्स पर आम लोगों द्वारा हमले के कई मामले सामने आए थे. ख़ास बायत यह है कि 123 साल पुराने कानून में केंद्र सरकार द्वारा आवश्यकता पड़ने पर बदलाव किया गया है.