अरविंद तिवारी
बात यहां से शुरू करते हैं
• प्रदेश में लॉकडाउन 15 मई तक बढ़ाने के मामले में जिस अंदाज में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता के सामने अपना पक्ष रखा उसकी इन दिनों बड़ी चर्चा है। मुख्यमंत्री के लिए तो यह बहुत आसान था कि वह सीधे-सीधे यह घोषणा कर देते कि प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू 15 मई तक बढ़ाया जाता है और एक आदेश जारी हो जाता। पर उन्होंने ऐसा करने के बजाए जनता को यह एहसास कराया कि मैं जो कुछ कर रहा हूं वह आपको एक बड़ी परेशानी से बचाने के लिए है। एक लाइव प्रसारण में उन्होंने एक-एक कर वे सारे बिंदु जनता के सामने रखें जिनके कारण कोरोना कर्फ्यू को विस्तार देना जरूरी था। यही कारण है कि इस बार प्रशासन-पुलिस की सख्ती के साथ साथ शिवराज की समझाइश का भी असर दिख रहा है।
• कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इन दिनों बेहद जोश में हैं। दमोह के नतीजे ने उन्हें नई प्राणवायु दे दी है और वह खंडवा, जोबट और पृथ्वीपुर उप चुनाव की तैयारियों में लग गए। कांग्रेस के कद्दावर नेता का मानना है कि जो रणनीति उन्होंने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद संगठन को लेकर बनाई थी उसके मैदान में नतीजे अब दिखने लगे है। अभी जहां भाजपा दमोह के नतीजे की समीक्षा में लगी है वही कमलनाथ आने वाले समय में होने वाले तीनों उपचुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। वह रोज इन क्षेत्रों के सो पचास लोगों से खुद संवाद करते हैं और इसके पीछे उनका मकसद यह रहता है कि कोई ऐसा नाम सामने आ जाए जिसमें जीत की सबसे ज्यादा संभावना है। यही नहीं उन्होंने अपने खास सिपहसालारओं को जनता की नब्ज टटोलने के लिए मैदान में भी उतार दिया है।
• दमोह उपचुनाव के नतीजे के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने जो तेवर अख्तियार किए और भाजपा की हार का कारण बने नेताओं पर जो सख्ती दिखाई वह आने वाले समय में होने वाले तीन उपचुनाव से जुड़े लोगों के लिए सीधा संकेत है। जयंत मलैया जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता पर कार्यवाही करके शर्मा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कितना भी बड़ा नेता क्यों ना हो यदि वह पार्टी के हितों के विरुद्ध कार्य करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। समझदार के लिए इशारा ही काफी होता है और खंडवा लोकसभा तथा जोबट व पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र से जुड़े भाजपा नेता इसे समझ गए होंगे। वैसे एक चर्चा और बड़ी जोरों पर है और वह यह है कि सिवाय शिवराज सिंह चौहान और वी डी शर्मा के कौन चाहता था कि दमोह से भाजपा जीते।
• जयंत मलैया और अजय विश्नोई की जुगल जोड़ी बहुत पुरानी है। दोनों एक दूसरे के शुभचिंतक है और एक दूसरे के हित भी साधते रहते हैं। दमोह उपचुनाव के बाद जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में मलैया और उनके बेटे सिद्धार्थ को निशाने पर लिया सबसे पहले विश्नोई ही मुखर हुए। उन्होंने जो ट्वीट किया उससे पार्टी के वे तमाम नेता भी निशाने पर आ गए जिनकी दमोह में उम्मीदवार चयन और चुनाव संचालन में भूमिका थी। यह सूची बहुत लंबी है और विश्नोई ने बहुत सोच समझ कर ही यह मुद्दा उठाया है। कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले दिनों में विश्नोई दिल्ली में भी मलैया के पैरोकार की भूमिका में नजर आए।
• मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सालों बाद जस्टिस मोहम्मद रफीक के रूप में बहुत ही सरल और प्रभावी चीफ जस्टिस मिले हैं। बेंच के साथ ही बार के साथ भी चीफ जस्टिस के रिश्ते बहुत अच्छे हैं। हर सप्ताह वह एक अलग अंदाज में हाईकोर्ट के कामकाज की समीक्षा करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि चाहे जबलपुर की प्रिंसिपल बैंच हो या फिर इंदौर और ग्वालियर बेंच कहीं किसी को कोई परेशानी ना हो। सीनियर और जूनियर दोनों कैटेगरी के एडवोकेट उनके काम का से बेहद खुश हैं। कहा यह जा रहा है कि प्रभावी तो मध्यप्रदेश में पहले भी कई चीफ जस्टिस रहे हैं लेकिन सरलता के मामले में वर्तमान चीफ जस्टिस का कोई सानी नही।
• रतलाम कलेक्टर गोपाल चंद्र दाड को हटवाने में भले ही स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान सफल हो गए हो लेकिन वहां कुमार पुरुषोत्तम को कलेक्टर बनाने के मामले में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का निर्णय सुलेमान को भी पसंद आ रहा होगा। कुमार पुरुषोत्तम इन दोनों आला अफसरों के बेहद प्रिय पात्र हैं। उन्हें रतलाम भेजे जाने की सूचना मंत्रालय की पांचवी मंजिल से आर्डर जारी होने के 2 दिन पहले ही दे दी गई थी। पुरुषोत्तम गुना के अपने संक्षिप्त कार्यकाल मैं बेहद प्रभावी रहे और सबसे अच्छा समन्वय बनाकर प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे।
• कटनी का एसपी आवास इन दिनों बहुत चर्चा में है। चर्चा कटनी से लेकर भोपाल तक है। इस आवास में इन दिनों कोई रह नहीं रहा है लेकिन फिर भी चर्चा में है। चर-पांच महीने पहले यहां से स्थानांतरित कर पुलिस मुख्यालय भोपाल पदस्थ किए गए आईपीएस अफसर ललित शाक्यवार ने अभी बंगला खाली नहीं किया है। उनके स्थान पर आए मय़क अवस्थी अभी सर्किट हाउस में रह रहे है। पुराने एसपी आखिर बंगला खाली क्यों नहीं कर रहे हैं यह कोई बताने की स्थिति में नहीं है।हालांकि वह थोड़े-थोड़े अंतराल से यहां आते भी रहते हैं और उनके पुराने मातहत भी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। नए एसपी की दिक्कत यह है कि उनके माता-पिता दोनों उनके साथ ही रहते हैं और दोनों ही कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं।
♦️ आज के दौर की राजनीति में सादगी और शुचिता के लिए पहचाने जाने वाले अजय राठौर के उल्लेख के बिना यह कॉलम अधूरा रहेगा। एक जमाना था जब इंदौर में तुलसी सिलावट और अजय राठोर की जोड़ी अपनी एक अलग पहचान रखती थी दोनों के रास्ते क्यों अलग हुए यह तो एक लंबी बहस का विषय है। अजय भाई मंच की राजनीति से हमेशा दूर रहे लेकिन उसूलों की राजनीति की। कांग्रेस के छोटे कार्यकर्ता के दर्द को वह समझते थे और जब भी मौका मिलता था अपनी क्षमता के मुताबिक उसकी मदद करते थे। इंदौर की छात्र राजनीति में भी उनका एक अलग जलवा रहा। राजनीति की काली कोठरी में सबसे अलग पहचान रखने वाले अजय भाई हम आपको कभी भुला नहीं पाएंगे।
चलते चलते
• सुप्रीम कोर्ट में जज रहे जस्टिस दीपक वर्मा कि कोरोना संक्रमण के कठिन दौर में उदारता बड़ी चर्चा में। जस्टिस वर्मा ने जबलपुर और इंदौर दोनों जगह के हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को कोरोना संक्रमित अधिवक्ताओं की मदद के लिए 11- 11 लाख रुपए दिए हैं। जस्टिस वर्मा की इस उदारता की विधि के क्षेत्र में बड़ी चर्चा है।
पुछल्ला
• यह पता करना जरूरी है कि ऐसे समय में जब पूरे प्रदेश में रेमडेसीविर इंजेक्शन की भारी मारामारी थी तब इंदौर के दो विधायक रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय इसकी मांग की ज्यादातर पूर्ति कैसे कर पा रहे हैं। वैसे इन दोनों नेताओं को कैलाश विजयवर्गीय के देश की बड़ी फार्मा कंपनियों से मधुर संबंधों का तो पूरा फायदा मिला ही होगा।
अब बात मीडिया की
• दैनिक भास्कर के सीएमडी सुधीर अग्रवाल के एक मेल में भास्कर के हर कर्मचारी में नया जोश भर दिया है। सुधीर जी ने कहां है कि यदि स्टाफ का कोई सदस्य या उनके परिजन किसी तरह की परेशानी में है उनके इलाज की व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो वह बिना किसी हिचक के सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अभी भास्कर में कोई छटनी नहीं होगी।
• अपने संपादक कौशल किशोर शुक्ला के रवैया से नाराज नईदुनिया इंदौर के दो वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र शर्मा और मनीष जोशी ने पिछले दिनों आक्रमक तेवर अख्तियार कर लिए थे। संस्थान के व्हाट्सएप ग्रुप पर इनके और संपादक के बीच तीखी बहस भी हुई बाद में स्टेट एडिटर सद्गुरु शरण अवस्थी के हस्तक्षेप से मामला सुलझा।
• दैनिक भास्कर के भोपाल नेशनल न्यूज़ रूम में बड़ी भूमिका निभा रहे शमी कुरेशी और सौरभ द्विवेदी इंदौर संस्करण में अलग अलग भूमिका में रहेंगे। दोनों ने इंदौर में ज्वाइनिंग दे दी है।
• कोरोना कर्फ्यू के चलते नई दुनिया के सर्वे सर्वा संजय शुक्ला की चाय दुकान पर ताला डल गया। दुकान के कच्चे सामान का तो कुछ बंदोबस्त हो गया लेकिन बाकी टीन टप्पर, बर्तन भांडे और फर्नीचर नईदुनिया कार्यालय की एक मंजिल पर लाकर रख दिए गए। इसमें भी नई दुनिया के हेल्परों से ही हम्माली करवायी गयी।