नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र के दुसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में LAC जे हालात पर बयान देंगे। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच पिछले कुछ महीनों से तनाव चल रहा है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। कई दौर की वार्ता होने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। विपक्ष सरकार पर दबाव बनाए हुए है कि सरकार इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान दे।
इसे देखते हुए रक्षा मंत्री मंगलवार को 3 बजे ‘लद्दाख में सीमा पर हालात’ के बारे में देश को अवगत कराएंगे।अभी हाल में रूस की राजधानी मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर यह मुद्दा उठाया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष के बीच तकरीबन 2 घंटे बैठक चली।
बैठक में तय हुआ कि दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का मुद्दा सुलझाएंगे, लेकिन इस पर फैसला नहीं हो सका कि दोनों देशों की सेनाएं कब पीछे हटेंगी। रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद एससीओ से इतर भारत और चीन के विदेश मंत्री एक दूसरे से मिले और वार्ता की। बैठक में भारत ने साफ कर दिया कि वह हर हाल में अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। बैठक में तय हुआ कि दोनों देश बातचीत के क्रम के जारी रखेंगे और विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने पर जोर देंगे।
गौरतलब है कि, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है और दोनों ओर से सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है। हालांकि सूत्रों ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। इन सभी मुद्दों पर विपक्ष सरकार से जवाब चाहता है।