पद छीने जाने के बाद अब क्या करेंगे पायलट, ये है पांच ऑप्शन

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जयपुर: सचिन पायलट के बगावती तेवर पर कांग्रेस ने उन्हें मनाने की बजाय सख्त रैवैया अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई कर डाली। राजस्थान की राजनीति में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पल्ला भारी नजर आ रहा है। पार्टी ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के साथ ही मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया है। ऐसे में अब यही सवाल उठ रहे है कि पायलट अब क्या करेंगे?

तमाम पदों से बर्खास्ती के बाद अब सचिन पायलट के पास पांच विकल्प बचे है। अब इनमे से उन्हें जो बेहतर लगे वो कदम वे उठा सकते है।

  • पहला विकल्प यह है कि वह कांग्रेस के अंदर अपने प्रेशर ग्रुप यानी अपने हम उम्र नौजवान नेताओं के जरिए कांग्रेस में सम्मानजनक जगह के लिए बारगेन करें। कांग्रेस के अंदर जतिन प्रसाद, प्रिया दत्त, दीपेंद्र हुड्डा और मिलिंद देवड़ा जैसे कई युवा नेता हैं जो लगातार यह कोशिश कर रहे हैं कि सचिन पायलट को मान सम्मान मिले और वह कांग्रेस में बने रहें। इस संकट की घड़ी में उनके साथी कांग्रेस आलाकमान पर दबाव डाल सकते हैं।
  • दूसरा, अगर उनका अशोक गहलोत मुक्त कांग्रेस ऑपरेशन असफल हो गया है तो वह कांग्रेस में रहकर घर के अंदर ही दोबारा से तब तक कोशिश करते रहें जब तक बगावत करने वाले विधायकों की संख्या 25 के ऊपर न चली जाए। अगर उनके पास संख्या हो जाती है तब वह अशोक गहलोत से अपमान का बदला ले सकते हैं मगर उसके पहले अगर पार्टी व्हिप जारी करती है और वह और उनके विधायक इसका उल्लंघन करते हैं तो पार्टी की सदस्यता और विधायक के पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
  • उनके विधायक पार्टी की सदस्यता जाने की परवाह नहीं करें और कांग्रेस से अलग संगठन या मोर्चा बनाएं। सचिन पायलट उस संगठन की अगुवाई करें और कांग्रेस को चुनौती दें। राजस्थान में करीब 30 ऐसी सीटें हैं जहां पर सचिन पायलट अपना प्रभाव रखते हैं। गुर्जर बहुल सीटों पर तो पायलट अपने उम्मीदवार तो जीता ही सकते हैं।
  • पायलट के पास चौथा ऑप्शन यह है कि वह अपने साथ गए विधायकों को समझाएं कि बीजेपी में उनके मान-सम्मान की रक्षा करेंगे और उनके साथ वह बीजेपी में चले जाएं, मगर इसमें संकट यह है कि बहुत सारे ऐसे लोग सचिन पायलट के साथ हैं जो बीजेपी में नहीं जाना चाहते हैं। वैसे नेता जिनकी उम्र 70 पार हो गई है जैसे हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह और मास्टर भंवरलाल शर्मा हैं जो बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि इनका मानना है कि जिंदगी भर कांग्रेस में रहने के बाद अब आखिरी चुनाव में बीजेपी में जाकर क्या करेंग।
  • पांचवा और आखिरी संभावित ऑप्शन यह है कि सचिन पायलट किसी भी तरह से सरकार को गिराने लायक विधायकों की संख्या इकट्ठा कर लें और अपने अपमान का बदला ले लें। फिर विधायक पद से इस्तीफा देकर वह दुबारा चुनाव लड़ें।