रायपुर: मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक नवंबर 2020 को राज्य स्थापना दिवस को राज्य के 14 नगर निगमों में पैथालॉजी टेस्ट सुविधा युक्त मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किया था। शुभारंभ के साथ ही यह मोबाइल मेडिकल यूनिट स्लम इलाकों में पहुंच रही है। कैंप के माध्यम से आसपास के लोगों का स्वास्थ्य जांच करने के अलावा बीमारी दूर करने दवाएं भी दी जा रही है।
विगत सात माह में मोबाइल मेडिकल यूनिट से चार लाख 87 हजार से अधिक मरीजों का उपचार करने के साथ उन्हें दवाइयां और जरूरतमंद मरीजों का लैब टेस्ट भी किया गया। अपने ही वार्ड में अपने ही घर के पास, मुख्यमंत्री शहरी स्लम योजना के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट की बस पहुचने और चंद मिनटों में ही जांच के बाद दवा मिल जाने पर इसमें इलाज कराने आने वाले मरीज खुश है। अपना रुपया और कीमती समय बर्बाद नहीं होने पर मरीज मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।
9455 कैंपों में 4 लाख 87 हजार से अधिक का उपचार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य स्थापना दिवस एक नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किए जाने बाद अभी तक 9455 शिविर आयोजित कर 4 लाख 87 हजार 384 मरीजों का स्वास्थ्य जांच कर लाभान्वित किया गया। रायपुर में सबसे अधिक 2552 शिविर में 1 लाख 22 हजार 832 मरीज लाभान्वित हुए हैं।
कोरबा में 1060 कैंप में 50159, बिलासपुर में 682 कैंप में 50180, दुर्ग में 687 कैंप में 33800 और राजनांदगांव में 669 शिविर में 32132 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह भिलाई में 515 कैंप में 33202, रिसाली में 347 कैंप में 18443 भिलाई चरोदा में 339 कैंप में 18027, अंबिकापुर में 550 कैंप में 25623, जगदलपुर में 609 कैंप में 26765, रायगढ़ में 603 कैंप में 31592, कोरिया चिरमिरी में 241 कैंप में 10617, बीरगांव में 308 कैंप में 16932 मरीज लाभान्वित हुए हैं।
दाई-दीदी क्लीनिक में 28880 मरीज हुए लाभान्वित
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 19 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के तीन नगर निगम रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम के लिए दाई-दीदी क्लीनिक का शुभारंभ करते हुए स्पेशल मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किया था। दाई-दीदी क्लीनिक का तीनों नगर निगम में अच्छा रिस्पांश मिल रहा है। विगत सात माह में दिनों में 468 कैंपों में 28880 महिलाएं इससे लाभन्वित हुई है।