नई दिल्ली। देश की राजधानी समेत कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश की वजह से हालत बेकार हो गए है। पिछले दिनों राजधानी में यमुना नदी का रौद्र रूप देखने को मिला। कई निचले इलाकों में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था। 45 साल के बाद एक बार फिर दिल्ली डूबने की कगार पर आ गई थी। लगातार बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर बढ़ गया। जिसने 1978 के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
दिल्ली में 4 दिन से यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर थी। हालाँकि अब यमुना नदी का जलस्तर कम होता नजर आ रहा है। दिल्ली के कई इलाकों में अभी भी पानी भरा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली में सभी स्कूलों को 16 जुलाई यानी आज तक के लिए बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं बाढ़ का पानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर सड़क तक पहुंच चूका था। शनिवार को यमुना का वाटर लेवल कम हुआ।
राजधानी ही नहीं बल्कि पंजाब में बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते 14 जिलों के 1,058 गांव में बाढ़ की स्थिति है। पंजाब में बाढ़ के कारण लगभग 2.40 लाख हेक्टेयर धान की फसल को नुकसान हुआ है। पंजाब और हरियाणा में बाढ़ के चलते अब तक 57 लोगों की जान गई है। हरियाणा में पिछले 24 घंटे में 403 नये गांव और पंजाब में 115 गांवों में पानी भर गया है। हरियाणा के 1385 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। अब तक 13574 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। भगवंत मान ने घोषणा की है कि 83,000 हेक्टेयर से अधिक की फसल दोबारा बोई जाएगी। गांव में बाढ़ के चलते पशुओं की मौत की खबरें भी सामने आई हैं। हरियाणा के 13 जिले अभी भी बाढ़ की चपेट में है।
मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा में चार दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। दिल्ली में अगर बात 1978 की करें तो यमुना आखरी बार सबसे अधिक स्तर पर आ गई थी, जहां 207.49 मीटर था जो अभी तक का रिकॉर्ड माना जा रहा है। शनिवार को आईटीओ के पास पानी भर चुका था। दिल्ली सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स को भी राजघाट पर तैनात किया गया। दिल्ली में यमुना का पानी ITO तक आ गया। दिल्ली में यमुना से सटे तिब्बती रिफ्यूजी कॉलोनी में रह रहे हजारों लोग परेशान हैं।