रेलवे कर रहा बड़ी योजना की तैयारी, खत्म होगी वेटिंग लिस्ट, चेयरमैन यादव ने दी जानकारी

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नई दिल्ली। जल्द ही भारतीय रेलवे में कई बड़े बदलाव आने वाले है। दरअसल, रेलवे मांग आधारिक पैसेंजर ट्रेन चलाने की योजना बनाने में जुटा है। ऐसे में साल 2024 तक वेटिंग लिस्ट की परेशानी खत्म हो सकती है। इसके अलावा नेशनल रेल प्लान के तहत रेलवे की फ्राइट मूवमेंट (मालढुलाई) में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 27 फीसदी से बढ़ाकर 2030 तक 45 फीसदी पहुंचाने की योजना है।

वही, रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे ने विजन 2024 के तहत साल 2024 तक फ्राइट मूवमेंट 2024 मिलियन टन पहुंचाने का भी लक्ष्य रखा है। इंडियन रेलवे का साथ ही 2026 तक कुल नेशनल फ्राइट मूवमेंट को 6400 मिलियन टन पहुंचने का अनुमान है। दरअसल, शुक्रवार को इस बारे में रेलवे बोर्ड चेयरमैन वीके यादव ने मीडिया को बताया कि, इसमें 2.9 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

वीके यादव ने कहा कि, ‘नेशनल रेल प्लान पर सभी स्टेकहोल्डर्स का विचार जानेंगे और उम्मीद है कि एक महीने में फाइनल योजना तय हो जाएगी।’ उन्होंने कहा कि, ऑपरेटिंग कॉस्ट को कम किया जाएगा और फ्राइट टैरिफ को व्यावहारिक बनाए जाने की योजना है। यादव के अनुसार सभी अहम परियोजनाओं को 2024 तक पूरा करने के लिए फंडिंग जुटाने का इंतजाम कर रहा है। योजना पटरियों के दोहरीकरण की भी है, जबकि दूसरे ट्रैक्ट की बहु- ट्रैकिंग भी जरूरत के हिसाब से की जाएगी।

साथ ही यादव ने मौजूदा वित्त वर्ष में रेलवे की कमाई के बारे में कहा कि, कोरोना की वजह से कई महीने से रेल ट्रैफिक बंद हैं। इससे रेवेन्यू में भारी नुकसान हुआ है। इस साल पैसेंजर रेवेन्यू के केवल 15000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं बात करे पिछले साल की तो, पिछले साल ये 53 हजार करोड़ रुपये था।

वीके यादव के अनुसार, खाद्यान्न, उर्वरक और अन्य सामानों की लोडिंग में अब वृद्धि के साथ नवंबर में 110 मिलियन टन की तुलना में दिसंबर में मालभाड़ा 120 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है। हालांकि, यात्री ट्रेनों की सेवाओं के पुरानी स्थिति में लौटने में अभी समय लगेगा। फिलहाल भारतीय रेलवे कोविड-19 महामारी के कहर से पहले चलाए जा रहे 1,768 ट्रेनों की तुलना में 1,089 यात्री ट्रेनें ही चला रहा है।