भारतीय रेलवे ने हाल ही में अपने यात्रियों को किराया बढ़ा कर बड़ा झटका दिया है। इन दिनों जहां सभी चीज़ महंगी होते जा रही है वहीं अब रेल में सफर करना भी महंगा हो गया है। बताया जा रहा है कि रेलवे का किराया कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया गया है ताकि ट्रेनों में ज्यादा लोग न चढ़ें। इस किराए का असर 30-40 किमी तक का सफर करने वाले यात्रियों पर पड़ेगा।
इसको लेकर रेलवे ने बताया कि बढ़ने वाला किराए का असर केवल 3 प्रतिशत ट्रेनों पर पड़ेगा। वहीं इंडियन रेलवे का कहना है कि कोविड का प्रकोप अब भी मौजूद है और वास्तव में कुछ राज्यों में कोविड की स्थिति बिगड़ रही है। ऐसे में बढ़े हुए किराए को ट्रेनों में भीड़ को रोकने और कोविड को फैलने से रोकने के लिए रेलवे की सक्रियता के रूप में में देखा जाना चाहिए।
बता दे, रेलवे के अनुसार, पहले से ही यात्री की हर यात्रा में बडा नुकसान उठाना पड़ता है. टिकटों पर भारी सब्सिडी दी जाती है। बता दे, बढ़ी हुई कीमतों को समान दूरी के लिए चलने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए के आधार पर तय किया गया है। इसका मतलब ये है कि यात्रियों को छोटी यात्रा के लिए भी मेल/एक्सप्रेस के बराबर का किराया देना होगा।
30 से 40 किलोमीटर तक की यात्रा करने वाले पैसेंजर्स को अब ज्यादा किराया देना पड़ेगा। इससे पहले कोरोना के चलते भारतीय रेलवे ने 22 मार्च, 2020 को ट्रेनों के संचालन को बंद करना पड़ा था। दरअसल, भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन से पहले के समय की तुलना में लगभग 65 प्रतिशत मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों और 90 प्रतिशत से अधिक उपनगरीय सेवाओं का परिचालन किया है। वहीँ अब वर्तमान में कुल 1250 मेल / एक्सप्रेस, 5350 उपनगरीय रेल सेवाएं और 326 से अधिक यात्री ट्रेनों रोजाना दौड़ रही हैं और इनमें कम दूरी की यात्री ट्रेनों की संख्या कुल रेलगाड़ियों के 3 प्रतिशत से भी कम है।