मोरनी साड़ी के नाम पर ग्राहकों को भ्रमित करने वाले कारोबारियों की दुकान पर छापा

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इंदौर। दिल्ली की रोहिणी स्थित कमर्शियल कोर्ट के जिला जज गुरदीपसिंह के आदेश पर शहर के प्रख्यात साड़ी शो रूम ‘मोरनी’ के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर, ग्राहकों को भ्रमित करते हुए ‘मोरनी’ के नाम से बंगाली चौराहा, कनाड़िया रोड स्थित मोरनी हैंडलूम नामक एक दुकान पर मंगलवार को न्यायालय द्वारा नियुक्त लोकल कमिश्नर एवं दिल्ली हाईकोर्ट की वकील आरती रोहतगी के साथ पुलिस एवं स्थानीय वकीलों ने ट्रेडमार्क उल्लंघन की छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में मोरनी ब्रांड नाम छपे हुए कपड़े सील कर दिए। अनुमान है कि करीब 30 लाख रु. मूल्य का यह माल ‘मोरनी’ ब्रांड की लोकप्रियता का लाभ उठाकर ग्राहकों को बेचा जाने वाला था।

दिल्ली से आए जांच दल ने मंगलवार दोपहर 12 बजे से सायं 5 बजे तक छापे की कार्रवाई की और मोरनी हैंडलूम के नाम से दुकान चलाने वाले संजय चौहान नामक कारोबारी से पूछताछ की। लोकल कमिश्नर आरती रोहतगी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि ‘मोरनी’ साड़ी शो रूम के संचालक मनीष मित्तल ने दिल्ली के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर आरोप लगाया था कि मोरनी हैंडलूम के सचालक उनके शो रूम के मिलते-जुलते नाम से पिछले कई वर्षों से कारोबार चला रहे हैं। बार-बार नोटिस देने एवं आगाह करने के बाद भी उन्होंने ‘मोरनी’ के नाम से अपना कारोबार बंद नहीं किया फलस्वरूप मनीष मित्तल ने दिल्ली की अदालत में वाद प्रस्तुत किया, जहां से सुनवाई के बाद आरती रोहतगी को गत 13 फरवरी को लोकल कमिश्नर नियुक्त करते हुए कोर्ट ने उन्हें इंदौर जाकर उक्त मोरनी हैंडलूम शो रूम की जांच करने औऱ अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इसका पालन करते हुए रोहतगी ने दिल्ली से इंदौर आकर खजराना पुलिस एवं स्थानीय वकीलों, श्रद्धा कोचले शाह, अंकुर तिवारी, अभीजित अहिरवार एवं उनके एडवाइजर रितेश शाह के साथ उक्त मोरनी हैंडलूम दुकान पर छापा मारकर उन सभी बेडशीट, चादर, पिलो कवर, कंबल, डोरमेट, पर्दे, गलीचे एवं अन्य सामग्री के बंडल बनाकर सील कर दिए हैं। रोहतगी ने बताया कि अब वे अपनी रिपोर्ट दिल्ली न्यायालय में प्रस्तुत करेंगीं, जहां 13 मई 2023 को सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। मंगलवार को जो सामान सील किया गया है, उसका अनुमानित मूल्य करीब 30 लाख रुपए आंका गया है।

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इस मामले में ‘मोरनी’ साड़ी शो रूम के संचालक मनीष मित्तल ने बताया कि इंदौर की कानूनी सलाहकार फर्म अरिहंत एसोसिएट्स की ओर से दिल्ली की अदालत में दायर परिवाद में कहा गया है कि ‘मोरनी’ ब्रांड एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है, जो सन 2006 से रजिस्टर्ड है। मित्तल ने ट्रेड मार्क अधिनियम 1999 एवं कॉपीराइट अधिनियम 1957 के तहत ‘मोरनी’ ब्रांड नेम का ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड करा रखा है। वर्ष 2006 से वे ‘मोरनी’ साड़ी के नाम से अपना कारोबार कर रहे हैं, लेकिन उनके शो रूम की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए न केवल इंदौर, बल्कि रतलाम एवं भोपाल में भी कुछ लोग ‘मोरनी’ के नाम से अपना कारोबार चला रहे हैं, जो कॉपी राइट एक्ट एवं ट्रेडमार्क एक्ट के उपबंधों का स्पष्ट उल्लंघन है और उनके द्वारा अपने ‘मोरनी’ ब्रांड नेम के कारोबार को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रचार-प्रसार का दुरुपयोग भी है। इस प्रवृत्ति से मोरनी ब्रांड नेम को कारोबारी क्षति हो रही है। मित्तल ने बताया कि वे इंदौर के साथ ही रतलाम एवं भोपाल में भी चल रहे ऐसे कारोबार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।