संसद सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को कांग्रेस ने सत्तारूढ़ एनडीए सरकार पर संसद में कथित तौर पर विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन बंद करके उन्हें चुप कराने का आरोप लगाया। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा नीट मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप हैं। जबकि विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने की साजिश रची जा रही है।
कांग्रेस ने एक पोस्ट में कहा, ‘जबकि नरेंद्र मोदी नीट पर चुप हैं। विपक्षी नेता राहुल गांधी सदन में युवाओं के मुद्दों की पैरवी कर रहे हैं। हालांकि, इतने गंभीर मुद्दे पर संसद में माइक्रोफोन बंद करने जैसे कृत्यों के जरिए युवाओं की आवाज दबाने की साजिश की जा रही है’।
पार्टी ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह माइक्रोफोन तक पहुंच मांगते नजर आ रहे हैं। गांधी नीट विवाद पर बहस की मांग कर रहे थे और विपक्ष तथा सरकार दोनों से एक संयुक्त संदेश के लिए दबाव डाल रहे थे। जवाब में, स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि वह सांसदों के माइक्रोफोन बंद नहीं करते हैं और उनका ऐसा कोई नियंत्रण नहीं है। बिरला ने कहा, चर्चा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर होनी चाहिए। अन्य मामले सदन में रिकॉर्ड नहीं किए जाएंगे।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि देश में परीक्षा पेपर लीक से पीड़ित छात्रों के बारे में चिंता जताने पर राज्यसभा में उसके प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। 2023 में राहुल गांधी ने सरकार पर इसी तरह से लोकसभा में उनका माइक्रोफोन बंद करके जानबूझकर उन्हें चुप कराने का आरोप लगाया था। जब वह केरल के वायनाड से सांसद थे। उनके सहयोगी अधीर रंजन चौधरी जो निचले सदन में कांग्रेस पार्टी के नेता थें। ने भी स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि बजट सत्र के दौरान तीन दिनों तक उनका माइक्रोफोन म्यूट कर दिया गया था।