राहुल गांधी ने उठाया व्यापम का मुद्दा, कहा- ‘MP पेपर लीक का केंद्र’

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 कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेपर लीक रोकने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि NEET के पेपर लीक हो गए हैं और यूजीसी के पेपर भी रद्द कर दिए गए हैं।

‘पेपर लीक का मूल केंद्र मध्य प्रदेश’

राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक का मुख्य कारण यह है कि मौजूदा सरकार ने ऐसे लोगों को नियुक्त किया है जिनके पास उचित योग्यता नहीं है. पहले पेपर लीक का मूल केंद्र मध्य प्रदेश था. बीजेपी के लोग कहते हैं कि उसकी प्रयोगशालाएं गुजरात और मध्य प्रदेश हैं. यह तब तक जारी रहेगा जब तक भारत की संस्थाएं उनके हाथ से छीन नहीं ली जातीं. लेकिन अब सब कुछ बंद हो जाएगा।

इससे पहले नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के समर्थकों ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई ने कहा कि देश में लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। जहां पहले NEET पेपर लीक के कारण लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया था, वहीं अब यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। छात्रों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन किये गये।

फाइलों में दबा मप्र का यह सबसे चर्चित घोटाला आज भी जिंदा है। एसटीएफ और सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में बड़े लोगों को बख्शा गया और उनका कुछ नहीं बिगड़ा, खासकर निजी मेडिकल कॉलेज संचालकों का, लेकिन यह मामला ईडी इंदौर में चल रहा है। अब इस मामले में चारों मुख्य आरोपियों के खिलाफ विशेष कोर्ट में आरोप तय करने की स्थिति बन रही है।

मुख्य आरोपी

ईडी चालान और ईसीआईआर में मुख्य आरोपी डॉ. जगदीश सागर, डॉ. विनोद भंडारी, डॉ. पंकज त्रिवेदी और नितिन महिंद्रा हैं। ईडी ने इन सभी के खिलाफ वर्ष 2014 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने इन सभी की करोड़ों रुपये की संपत्ति भी अटैच की थी। ईडी जांच में इन सभी के साथ तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और कई अन्य की भूमिका बयानों में सामने आई थी।

ईडी कोर्ट में अब तक क्या हुआ

यह मामला वर्ष 2018 में ईडी कोर्ट में आया था, जिसके बाद जांच में काफी समय लग गया और फिर कोविड काल के चलते इस केस में कुछ नहीं हुआ। तारीख आगे बढ़ती रही। छह साल में अभी तक आरोपियों के खिलाफ आरोप तय नहीं हो पाए हैं, लेकिन अब इसमें फिर से सुनवाई शुरू हो गई है। इस सुनवाई में डॉ. विनोद भंडारी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इसमें ईडी द्वारा जब्त कुछ और दस्तावेज कोर्ट में पेश करने की मांग की गई है। इस पर 6 जुलाई को सुनवाई होनी है।