नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार यानि आज तीन कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर पीएम मोदी पर ताबड़तोड़ हमला किया साथ ही दवा किया है कि कृषि क्षेत्र पर तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार हो जाएगा, जिसकी कीमत मध्यम वर्ग और युवाओं को चुकानी होगी। बता दे कि राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये बड़े बयान दिए।
कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार की कोशिशों के बावजूद किसान थकने वाले नहीं हैं क्योंकि वे प्रधानमंत्री से ज्यादा समझदार हैं। राहुल गांधी ने किसानों की पीड़ा पर खेती का खून शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की है। साथ ही राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि देश में एक त्रासदी पैदा हो रही है। सरकार इस त्रासदी को नजरअंदाज करना चाहती है और लोगों को गुमराह करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि, किसानों का संकट इस त्रासदी का एक हिस्सा मात्र है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि हवाई अड्डों, बुनियादी ढांचे, दूरसंचार, रिटेल और दूसरे क्षेत्र में हम देख रहे हैं कि बड़े पैमाने पर एकाधिकार स्थापित हो गया है। तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार है। ये तीन-चार लोग ही प्रधानमंत्री के करीबी हैं और उनकी मदद करते हैं। कांग्रेस नेता का आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र अब तक एकाधिकार से अछूता था, लेकिन अब इसे भी निशाना बनाया जा रहा है। ये तीनों कानूनों इसीलिए लाए गए हैं।
राहुल गांधी ने कहा है कि इसका नतीजा यह होगा कि तीन-चार लोग पूरे देश के मालिक बन जाएंगे। किसानों को उनकी उपज की वाजिब कीमत नहीं मिलेगी। बाद में मध्यम वर्ग को इसकी वो कीमत अदा करनी होगी, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी। राहुल गांधी ने आरोप लगाय कि ये कानून सिर्फ किसानों पर हमला नहीं हैं, बल्कि मध्यम वर्ग और युवाओं पर हमला है।
उन्होंने कहा कि मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि आपकी आजादी छीनी जा रही है। कांग्रेस नेता के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा के किसान इस देश के रक्षक हैं। वे कृषि क्षेत्र को कुछ लोगों के हाथ में जाने से रोकने के लिए लड़ रहे है। सरकार को लगता है कि किसानों को थकाया जा सकता है और उनको बेवकूफ बनाया जा सकता है। किसान प्रधानमंत्री से ज्यादा होशियार हैं। समाधान एक ही होगा कि तीनों कानूनों को वापस लेना होगा।