कृष्ण जन्माष्टमी के बाद सभी को राधा अष्टमी का काफी ज्यादा इंतजार रहता है। हर साल भादों माह शुक्लपक्ष की अष्टमी पर राधा अष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल राधा अष्टमी 26 अगस्त को 10बजकर 28 मिनट तक रहेगी। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, श्री कृष्ण के जन्मदिन भादों कृष्णपक्ष अष्टमी से पन्द्रह दिन बाद शुक्लपक्ष की अष्टमी को दोपहर अभिजित मुहूर्त में श्रीराधा राजा वृषभानु की यज्ञ भूमि से प्रकट हुई थीं।
बता दे, राजा बृषभानु और उनकी धर्मपत्नी कीर्ति ने इस कन्या को अपनी पुत्री मानकर उनका पालन पोषण किया। दरअसल, ब्रह्मकल्प, वाराहकल्प और पाद्मकल्प इन तीनों कल्पों में राधा जी का, कृष्ण की परम शक्ति के रूप में वर्णन मिलता है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान् श्री कृष्ण ने अपने वामपार्श्व से उन्हें प्रकट किया है। इसी की वजह से ही सभी लोग इनका ‘कृष्णवल्लभा’ ‘कृष्णात्मा’ कृष्णप्रिया’ आदि बोल कर गुणगान करते है। आज हम आपको राधा अष्टमी पर उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें और प्रेम में सफलता के अचूक उपाय बताते हैं।
आपको बता दे, अष्टमी तिथि को बरसाने में राधा जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर राधा अष्टमी बनाई जाती है। दरअसल, राधा का जन्म कृष्ण के साथ सृष्टि में प्रेम भाव मजबूत करने के लिए हुआ था। ऐसा माना जाता है कि राधा एक भाव है, जो कृष्ण के मार्ग पर चलने से प्राप्त होता है। वहीं वैष्णव तंत्र में राधा और कृष्ण का मिलन ही व्यक्ति का अंतिम उद्देश्य माना जाता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जो सच्चे मन और श्रद्धा से राधा की आराधना करता है, उसे जीवन में सभी सुख-साधनों की प्राप्ति होती है। बता दे, जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी का भी काफी ज्यादा महत्त्व होता है।
ऐसे करें पूजा –
आपको बता दे, राधाष्टमी के मौके पर विशेष भोग लगाने से आपको कृपा प्राप्त होती है। फिर शहद, मिश्री सहित खीर बनाकर देवी राधा और कृष्ण को भोग लगाएं।
प्रेम में सफलता के उपाय –
अगर प्रेम में सफलता चाहिए तो राधा अष्टमी के दिन राधा कृष्ण की संयुक्त पूजा करें। फिर श्रीकृष्ण को पीला और राधा को गुलाबी वस्त्र अर्पित करें। उसके बाद “राधावल्लभाय नमः” मंत्र का जाप करना ना भूलें।