Queen एलिजाबेथ का शाही महल, 750 से ज्यादा है कमरें, 300 अरब रूपए से अधिक की लागत, भोजन व्यवस्था को जानकर रह जाएंगे हैरान

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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की आयु में निधन हो गया हैं। उन्होंने 1952 में सिंहासन पर बैठी जो करीब 7 दशक तक शाही गद्दी की बागडौर संभाली। क्वीव लंदन के शाही पैलेस बकिंघम नाम के महल में रहती थी। इसके अलावा भी रानी के कई महल थे जिनका नाम विंडसर कैसल (Windsor Castle), सैंड्रिंघम हाउस और बालमोरल (Sandringham House and Balmoral) समेत कई अन्य रेसिडेंस हाउस भी थे लेकिन उन सभी में सबसे फेमस है बकिंघम पैलेस।

दुनिया भर में फैमस है बकिंघम पैलेस

ब्रिटेन की वेबसाइट रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट (Rct.uk) के मुताबिक, बकिंघम पैलेस दुनिया भर में फैमस हैं। इस पैलेस की एक खासियत है की इसके अंदर कोई भी आम लोग घूम सकते हैं। इस शाही महल की किमत करीब 341 अरब रूपए (3.7 बिलियन पाउंड) बताई जा रही हैं। जिसमें 775 कमरें हैं।

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इनमें 19 स्टेट रूम, 52 रॉयल और गेस्ट बेडरूम, 188 स्टाफ बेडरूम, 92 ऑफिस और 78 बाथरूम शामिल हैं। महल की लंबाई 108 मीटर और गहराई 120 मीटर हैं। यह पैलेस 1837 से ब्रिटेन के शासकों (राजा या रानी) का ऑफिशिअल रेसिडेंस हैं। क्वीन के इस शाही महल को हर साल गर्मियों में टूरिस्टों के लिए खोला जाता है।

हर साल शाही भोज को लिए इतने हजार लोग होते है शामिल

शाही भोज, लंच, डिनर, रिसेप्शन और गार्डन पार्टियों में अतिथि के रूप में हर साल बकिंघम पैलेस में करीब 50,000 से अधिक लोग शामिल होते हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ वीकली मीटिंग्स और विदेशी राजदूतों का स्वागत भी इसी पैलेस में होता है। इसी के साथ पूरे साल इंडस्ट्री, गवर्मेंट, डोनेशन, स्पोर्ट, राष्ट्रमंडल और लाइफ के अन्य एरिया में काम करने वाले लोगों को सम्मान देने का आयोजन भी होता हैं।

राजा-रानी इस पैलेस में कब आए थे रहने

सबसे पहले महारानी विक्टोरिया जुलाई 1837 में रहने आई थी। उनके बाद 1840 में प्रिंस अल्बर्ट से क्वीन विक्टोरिया की शादी होने के बाद कुछ कमियों को दूर करने के बाद 1847 में यह पैलेस पूरा बनकर तैयार हो गया था। इस शाही महल में घुमने के लिए करीब ढ़ाई घंटे का वक्त लगता हैं।