महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा तैयार किए जा रहे लड्डू प्रसाद और निशुल्क अन्नक्षेत्र को हाल ही में एफएसएसएआइ द्वारा सेफ भोग का प्रमाण दिया गया है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति आशीष सिंह द्वारा भोग एवं अन्नक्षेत्र से जुड़े हुए सभी अधिकारी कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी गई है। जानकारी के मुताबिक, लड्डू प्रसाद और अन्न क्षेत्र में उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता प्रमाणित कर दी गई है। ऐसे में अब मंदिर समिति लड्डू प्रसाद के पैकेट पर विशेष ‘भोग’ का टैग भी लगा सकेगी।
दरअसल, देश के धार्मिक स्थलों पर स्वच्छ और सुरक्षित भोग प्रसाद और भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘भोग’ का टैग शुरू किया गया था। ऐसे में सेफ भोग प्लेस परियोजना में निशुल्क भोजन क्षेत्र, लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई और श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा संचालित निकटतम खाद्य प्रतिष्ठान को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि इन तीनों जगहों का हर छह महीने में आडिट होगा। यानी यदि सिस्टम मानक के अनुरूप पाया जाता है तो प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
भोग का मतलब-
बता दे, भोग शब्द अंग्रेजी के चार अक्षरों से मिलकर बना है। बी ब्लिसफुल के लिए एच के लिए हाइजीनिक, ओ फॉर ऑफरिंग, जी फॉर गॉड। भगवान को भेंट किया गया स्वच्छ प्रसाद। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रदेश के बाहर से भी श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में वे अपने साथ यहां से लड्डू प्रसाद भी रिश्तेदारों और करीबियों को बांटने के लिए ले जाते हैं। इसके साथ ही अन्नक्षेत्र में भोजन भी ग्रहण करते हैं।