Punjab News: पंजाब और हरियाणा के किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक सख्त कदम उठाया है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इन राज्यों में धान के मौसम के दौरान पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उड़न दस्ते तैनात किए हैं।
उड़न दस्ते की तैनाती
केंद्र सरकार के अधिकारियों के अनुसार, पंजाब के 16 जिलों और हरियाणा के 10 जिलों में उड़न दस्ते नियुक्त किए गए हैं। ये टीमें पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखेंगी और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेंगी।
धान की पराली प्रबंधन सेल का गठन
इसके अलावा, राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए मोहाली और चंडीगढ़ में धान की पराली प्रबंधन सेल की स्थापना की जाएगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीएक्यूएम की कार्रवाई पर सवाल उठाए जाने के बाद लिया गया है।
2024 मानसून सीजन की योजना
सीएक्यूएम के अधिकारियों ने बताया कि पंजाब और हरियाणा की सरकारें 2024 मानसून सीजन के दौरान धान की पराली जलाने को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर योजना तैयार कर रही हैं। इसके तहत, अगले दो महीने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उड़न दस्ते भी तैनात किए गए हैं, जो राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।
प्रभावित जिलों की सूची
पंजाब के जिन 16 जिलों में उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं, उनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मनसा, मोगा, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर और तरन शामिल हैं।
केंद्र सरकार का यह कदम न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि राज्यों के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित करेगा। इस प्रकार, यह उपाय किसानों को पराली जलाने से रोकने और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।