Pune Porsche Update: पुणे पोर्श हादसे को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है, जिसमें पुणे पुलिस ने बुधवार को एक स्थानीय अदालत को बताया कि 17 वर्षीय आरोपी लड़के ने अपनी कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी, जिसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
वहीं महाराष्ट्र के प्रमुख बिल्डर और आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के वकील ने कहा था कि उन्होंने कार किशोर को नहीं बल्कि ड्राइवर को दी थी। पुलिस प्रशासन के पता लगाने पर मौजूद पुलिस के बयान के मुताबिक, ड्राइवर ने पिता को फोन करके कहा था कि किशोर कार चलाने की जिद कर रहा है।
इसके बाद उस शख्स को ड्राइवर ने बगल की सीट पर बैठने को कहा और उसे कार चलाने दी। पुणे पोर्श दुर्घटना को लेकर पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की है, जिसमें आग्रह किया गया है कि उस पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाए।
पुणे के आरोपी की जमानत रद्द
बुधवार को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने 17 वर्षीय लड़के की जमानत रद्द कर दी और उसे 14 दिनों के लिए रिमांड होम भेज दिया। पुणे पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की है, जिसमें अधिकारियों से उस पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने का आग्रह किया गया है। पुलिस ने नाबालिग को बिना लाइसेंस के कार चलाने की इजाजत देने के आरोप में उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
पुणे पीड़िता की मां ने ‘हत्या’ का दावा किया
दुर्घटना में दो युवा आईटी पेशेवरों की मौत हो गई, जिनकी पहचान मध्य प्रदेश के अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया के रूप में हुई। अनीश अवधिया की मां सविता अवधिया ने बताया कि इस हादसे को हत्या कहा जा सकता है।” यह कार चलाने वाले लड़के और उसके माता पिता की गलती है, इस उम्र में उसे कार हाथों में दे दी और शराब पीकर कार चलाना, क्योंकि लड़के ने इतनी बड़ी गलती नहीं की होती तो कोई नहीं मरता। अगर उसके परिवार वाले ध्यान देते तो आज मेरा बेटा जिंदा होता। ” यह तो सीधे तौर पर हत्या है,”।