पुणे : जेनोवा ने भारत के पहले एमआरएनए वैक्सीन को डीसीजीआई की मिली मंजूरी

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पुणे : एमक्योर फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की सहायक कंपनी जेनोवा बायो फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने घोषणा की कि कोविड-19 के खिलाफ उसके एमआरएनए वैक्सीन GEMCOVAC™-19 को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) कार्यालय से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है। GEMCOVAC™-19 भारत में विकसित किया गया पहला एमआरएनए वैक्सीन है और दुनिया में कोविड-19 के लिए स्वीकृत होने वाला एकमात्र तीसरा एमआरएनए वैक्सीन है।

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कोशिका द्रव्य के अंदर प्रोटीन संरचना के अनुरूप घुलने की क्षमता के कारण ये टीके अत्यधिक प्रभावकारी हैं। एमआरएनए टीकों को सुरक्षित माना जाता है क्योंकि एमआरएनए गैर-संक्रामक है, इनकी प्रकृति गैर-एकीकृत है, और यह मानक सेलुलर तंत्र द्वारा डिग्रेडेड है। विशेष रूप से, यह तकनीक वायरस के किसी भी मौजूदा या उभरते हुए रूपों के लिए टीके को जल्दी से बदलने के लिए लचीलापन प्रदान करती है। इस तरह यह टैक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म भारत को महामारी के लिए तैयार होने की दिशा में और सशक्त बनाएगा।

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जेनोवा का GEMCOVAC™-19वैक्सीन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के प्राइमरी एंड पॉइंट पर पहुंच गया है। क्लीनिकल डेटा का मूल्यांकन केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा किया गया था। टीका सुरक्षित, अच्छी तरह से सहन करने योग्य और इम्युनोजेनिक पाया गया। इस तरह टीके से गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने की आशंका के खिलाफ मजबूत सुरक्षा मिलती है। जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड का लक्ष्य प्रति माह लगभग 40 – 50 लाख खुराक का उत्पादन करना है और इस क्षमता को जल्दी से दोगुना किया जा सकता है।जेनोवा का उद्देश्य भारत के साथ-साथ दुनिया भर के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को महामारी के प्रसार की रोकथाम करने के लिए वैक्सीन तक स्थायी पहुंच प्रदान करना है।

Source : PR