दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार, 21 अगस्त को निलंबित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है। यह सुरक्षा आठ दिन बाद, यानी 29 अगस्त तक प्रभावी रहेगी। अदालत ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया है कि जब तक मामला विचाराधीन है, तब तक खेडकर को गिरफ्तार न किया जाए, क्योंकि तत्काल गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।
अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई टली
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को 29 अगस्त, 2024 तक के लिए टाल दिया है। आरोपी के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने भी अग्रिम जमानत याचिका पर यूपीएससी के जवाब की समीक्षा के लिए अधिक समय का अनुरोध किया।
यूपीएससी और दिल्ली पुलिस को नोटिस
सुनवाई के अंतिम दिन, दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा कि यूपीएससी ने पूजा खेडकर को “मास्टरमाइंड” के रूप में वर्णित किया है और यह भी आरोप लगाया है कि बिना अन्य लोगों की सहायता के उसके कृत्य संभव नहीं थे।
ट्रायल कोर्ट का निर्णय और खेडकर की स्थिति
पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने के बाद, दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने कहा था कि साजिश का पर्दाफाश करने और मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए खेडकर की गतिविधियों की गहन जांच आवश्यक है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जंगाला ने कहा था कि वर्तमान तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम जमानत देने का मामला उपयुक्त नहीं है।
साजिश के आरोप
अदालत ने बताया कि पूजा खेडकर ने गलत बयानी करने के लिए कई दस्तावेज तैयार किए थे और यह साजिश योजनाबद्ध तरीके से रची गई थी। अदालत का कहना था कि आरोपी अकेले किसी बाहरी या अंदरूनी व्यक्ति की सहायता के बिना इस साजिश को अंजाम नहीं दे सकता था।
इस प्रकार, दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा को बढ़ाकर मामले की आगे की कार्यवाही के लिए समय दिया है, जबकि ट्रायल कोर्ट ने पहले ही साजिश के पहलुओं की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है।