महंगाई से त्रस्त जनता, उत्तरी सड़कों पर, किया बंद का ऐलान

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मुंबई। ई-वे बिल, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लेकर द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार यानि आज भारत बंद बुलाया है। जिसके चलते सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) और अन्य संगठनों ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है।

वहीं कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि, शुक्रवार को देशभर में 1,500 स्थानों पर धरना दिया जा रहा है। 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों से जुड़े करीब 8 करोड़ कारोबारी बंद को समर्थन दे रहे हैं। कैट के अनुसार, पिछले साल 22 दिसंबर और उसके बाद GST नियमों में कई बदलाव किए गए थे। इसमें अधिकारियों को बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए। अब कोई भी अधिकारी कोई भी कारण लेकर किसी भी व्यापारी का GST रजिस्ट्रेशन नंबर सस्पेंड या कैंसिल कर सकता है। बैंक अकाउंट और संपत्ति भी जब्त कर सकता है। खास बात यह है कि ऐसा करने से पहले कारोबारी को कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। यह कारोबारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।

हालांकि भारत बंद को कांग्रेस के शासन वाले राजस्थान में कारोबारियों का समर्थन नहीं मिला। यहां रोज की तरह ही बाजार खुले हैं और सामान्य दिनों की तरह काम चल रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की नेशनल सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीमा सेठी ने न्यूज एजेंसी बताया कि हमने कारोबारियों के फायदे के लिए एक कोशिश की है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें इसके महत्व का एहसास नहीं हुआ है। इसलिए उन्होंने एकता नहीं दिखाई।

उन्होंने आगे कहा कि व्यापारियों के बीच कई ग्रुप हैं और काफी राजनीति की जा रही है। उन्हें इस बंद के महत्व का एहसास होगा, तो वे हमारे साथ हाथ मिलाएंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि अलवर और जोधपुर में बंद का असर है। पूरे प्रदेश में यह 60% कामयाब रहा है। वहीं दूसरी ओर, कारोबारियों का कहना है कि उन्हें कोरोना और लॉकडाउन की वजह से पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। वे अब कारोबार में किसी तरह की रुकावट नहीं चाहते।

वहीं ओडिशा में बंद का असर देखा गया है। भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, बालासोर और बेरहामपुर समेत कई शहरों में कारोबारियों ने दुकानें और अपने संस्थान बंद रखे। हालांकि, बंद के कारण जरूरी सेवाओं और वाहनों की आवाजाही पर असर नहीं पड़ा। कुछ जगह व्यापारियों ने बंद के समर्थन में रैली भी निकाली। ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव सुधाकर पांडा ने कहा कि बंद शांतिपूर्ण और कामयाब रहा है।