सीवरेज के पानी से बिजली उत्पादन की तलाशी जाए संभावनाएं- संभाग आयुक्त

Akanksha
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इन्दौर 02 जुलाई 2020
संभागायुक्त एवं नगर निगम इंदौर के प्रशासक डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आज नगर निगम द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों और उनके द्वारा संचालित येाजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि सीवरेज के पानी से बिजली उत्पादन की संभावनाएं तलाशी जाये, इस संबंध में अध्ययन कर कार्ययोजना बनाये। उन्होंने अपूर्ण निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान दिया जाये। नागरिकों को प्रोत्साहित करें की वे समय पर कर जमा कराये। नगर निगम अपनी आमदनी बढ़ाने के संबंध में विभिन्न उपाय भी करें।
बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने निगम के विकास कार्यो, योजनाओ, स्वच्छ भारत मिशन, अमृत योजना, राजस्व वसूली आदि की समीक्षा की। बैठक में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त श्री एस. कृष्ण चैतन्य, देवेन्द्र सिंह, संदीप सोनी, एमपीएस अरोरा,वीरभद्र शर्मा, श्रृंगार श्रीवास्तव, रजनीश कसेरा सहित विभाग प्रमुख व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सीवरेज से बिजली उत्पादन के लिये कार्ययोजना बनाये

बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने अमृत योजना के अंतर्गत कराये जा रहे एसटीपी प्लांट एवं सीवरेज लाइन, ऑउट फॉल टेपिंग के कार्यो की जानकारी ली। जिसमें सीवरेज लाईन के अंतर्गत प्रायमरी लाईन में जो कार्य बस स्टेण्ड से रेल्वे स्टेशन तक, विजय नगर चौराहा, तीन ईमली चौराहा, निपानिया पर चल रहे शेष कार्यो को माह सितम्बर 2020 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने घरो की ड्रेनेज लाईन को सेकेण्डरी लाईन से माह नवम्बर 2020 तक जोड़ने की समय सीमा निर्धारित करते हुए, कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये । उक्त कार्य पूर्ण होने से शहर की पूरी सीवरेज लाईन सीवरेज टीटमेंट प्लांट तक पहुंच जायेगी। वर्तमान में जो सीवरेज का पानी नदी-नालो में मिल रहा है, वह बंद हो जाएगा।
समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. शर्मा द्वारा निर्देश दिये गये कि निगम द्वारा शहर में जो 6 एसटीपी प्लांट बनाये जा रहे है, उनको चैन्नई में बने प्लांट की तर्ज पर विकसित करें, जो एसटीपी प्लांट बन रहे है, उनमें से जिन-जिन एसटीपी प्लांट पर सीवरेज से बिजली बनाने की संभावना हो उस पर गम्भीरता से अध्ययन कर योजना तैयार की जाये। सीवरेज के पानी में बायोमास का टेस्टिंग कराने के निर्देश दिये गये। साथ ही उक्त कार्य के लिये संबंधित अधिकारियो एवं कंसलटेंट को 10 दिवस में अध्ययन कर योजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी उन्होंने दिये।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने शहर के नागरिको द्वारा गीला व सुखा कचरा अलग-अलग कर निगम वाहनो को देने की कार्य की प्रशंसा की। नागरिको को धन्यवाद दिया। निगमायुक्त सुश्री पाल द्वारा बैठक में जानकारी दी गई कि निगम द्वारा गीला-सुखा कचरे के साथ ही तीसरी पीले रंग की डस्टबीन फूटपाथ के साथ ही निगम कचरा संग्रहण वाहनो में लगाई जा रही है, जिसमें हेर्जाडीयस वेस्ट, डायपर, सेनिटरी नेपकीन, मास्क, ग्लब्ज, सेनिटाईज वेस्ट कचरा संग्रहित किया जायेगा। निगम प्रशासक डॉ. शर्मा द्वारा कहा गया कि यह इंदौर की बहुत बडी उपलब्धी है। इंदौर के नागरिकों की सराहना करते हुये उन्होंने कहा कि गीले-सूखे कचरे के साथ ही हेर्जाडीयस वेस्ट कचरा भी अलग-अलग रखकर निगम वाहनो को दे रहे है, यह संभवतः साउथ एशिया में ऐसा कहीं भी नही होता है। इंदौर ही ऐसा शहर है जहां पर इस प्रकार से कचरा पृथकीकरण का कार्य किया जा रहा है।
करदाताओं को करें प्रोत्साहित
डॉ. शर्मा ने राजस्व वसूली समीक्षा के दौरान शहर में कचरा प्रबंधन शुल्क जो निगम को प्राप्त हो रहा है उस पर प्रशंसा व्यक्त की। नागरिकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । साथ ही राजस्व आय में वृद्धि के लिये नागरिको को प्रोत्साहित करने की ईनामी योजना आदि तैयार करने के निर्देश भी दिये। यह भी निर्देश दिये गये कि अहमदाबाद में विज्ञापन से आय से संबंधित मॉडल बहुत अच्छा है, उसका टीम भेजकर अध्ययन किया जाये। उक्त मॉडल अपनाकर इंदौर नगर निगम की आय बढ़ाने की योजना तैयार की जाये। व्यवसायिक लायसेंस अधिक से अधिक व्यवसायियो के बनाए जाये। बैठक के दौरान उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व अन्य योजनाओ की भी समीक्षा की।