प्रो. हिमाँशु राय को दूसरे कार्यकाल के लिए आईआईएम इंदौर के निदेशक के रूप में पुनः नियुक्त किया गया

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इंदौर। भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने प्रो. हिमाँशु राय को संस्थान के निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त करने की घोषणा की है। इससे उनका कार्यकाल अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ गया है। बीओजी के अध्यक्ष श्री एम एम मुरुगप्पन ने प्रो. राय के सफल नेतृत्व और संस्थान में उल्लेखनीय योगदान पर विश्वास व्यक्त करते हुए यह खबर साझा की। प्रो. राय का कार्यकाल अब 31 दिसम्बर 2028 तक रहेगा।

“हमें आईआईएम इंदौर के साथ प्रो. हिमाँशु राय की यात्रा को जारी रखने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण और अटूट समर्पण ने संस्थान को ऊँचाइयों पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है”, आईआईएम इंदौर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष श्री एम. एम. मुरुगप्पन ने कहा। प्रो. राय के नेतृत्व ने आईआईएम इंदौर को उत्कृष्टता के मार्ग पर अग्रसर किया है, भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित किया है और अकादमिक प्रतिभा के प्रतीक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने कहा, इस पुनर्नियुक्ति के साथ, हम प्रो. राय की दूरदर्शी दृष्टि में अपने विश्वास की पुष्टि करते हैं और आईआईएम इंदौर के और भी उज्जवल भविष्य की आशा करते हैं।

प्रो. हिमाँशु राय ने उनके नेतृत्व में अटूट समर्थन और विश्वास के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, शिक्षा मंत्रालय, फैकल्टी, स्टाफ और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आईआईएम इंदौर के निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया जाना एक बहुत बड़ा सम्मान है और मैं अभिभूत हूँ। मुझ पर दिए गए अटूट विश्वास के लिए मैं आभार मानता हूँ और इस प्रतिष्ठित संस्थान को उत्कृष्टता की और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।” उद्देश्य और दृढ़ संकल्प की एक नई भावना के साथ, प्रो. राय ने नवीन पहलों और परिवर्तनकारी प्रयासों के माध्यम से आईआईएम इंदौर को नए क्षितिज पर ले जाने के अपने दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसे आईआईएम इंदौर की कल्पना करता हूं जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बना रहे, और न केवल असाधारण प्रबंधकों बल्कि जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों को भी तैयार करे।” एक समावेशी और दूरदर्शी सीखने के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रो. राय की प्रतिबद्धता संस्थान के छात्रों और हितधारकों के लिए असीमित अवसरों के द्वार खोलने का वादा करती है।

प्रो. राय के नेतृत्व में, आईआईएम इंदौर को तीन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मान्यताएं (Accreditation) हासिल की, जिसमें एएमबीए की पुनः मान्यता, और 2019 में एएसीएसबी मान्यता और 2023 में इक्विस से पुनः मान्यता प्राप्त करना शामिल है। यह प्रतिष्ठित “ट्रिपल क्राउन” मान्यताएं आईआईएम इंदौर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकादमिक क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करवाती हैं।

आईआईएम इंदौर के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस अन्वेषण की स्थापना कर प्रोफेसर राय ने सार्वजनिक नीति और परिवर्तन प्रबंधन में प्रभावशाली कार्यक्रमों के साथ-साथ शहरी स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए राजनीतिक नेताओं को प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। यह दृष्टिकोण छात्रों को सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने और राष्ट्र-निर्माण में योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है। उनके मार्गदर्शन में, आईआईएम इंदौर ने छात्रों और शिक्षकों के लिए अंतर-सांस्कृतिक अनुभवों को समृद्ध करते हुए रणनीतिक वैश्विक सहयोग बनाया है। संस्थान के 18 देशों और 45 से अधिक शैक्षणिक संस्थाओं के साथ साझेदारियां हैं और संस्थान की वैश्विक शिक्षण वातावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बेजोड़ है। विशेष रूप से, संस्थान संयुक्त अरब अमीरात और जीसीसी देशों में 600 से अधिक पूर्व छात्र उपस्थिति का दावा करता है। 187 कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों की शुरूआत विकास और ज्ञानार्जन की आकांक्षा वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाती है। 2022-23 में 110 रिसर्च प्रिजेक्ट्स में योगदान देकर, आईआईएम इंदौर अकादमिक अनुसंधान में बहुत आगे बढ़ गया है।

इसके अलावा, पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रोफेसर राय का समर्पण आईआईएम इंदौर के हरित परिसर पहल और सामाजिक जिम्मेदारी प्रयासों में स्पष्ट है। फ्रंटलाइन डॉक्टरों को निशुल्क नेतृत्व कार्यक्रम – कृतज्ञ और कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान समुदायों की सहायता करना सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए संस्थान की गहरी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। उत्कृष्टता की अपनी निरंतर खोज में, प्रोफेसर हिमांशु राय ने आईआईएम इंदौर को गहन प्रभाव और वैश्विक मान्यता वाले संस्थान के रूप में आकार देना जारी रखा है। उनके योगदान ने आईआईएम इंदौर के पथ को फिर से परिभाषित किया है, जिससे यह एक ऐसा संस्थान बन गया है जो न केवल अकादमिक उत्कृष्टता में अग्रणी है बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में अपनी भूमिका भी निभाता रहा है। आईआईएम इंदौर के निदेशक के रूप में उनकी पुनर्नियुक्ति संस्थान के विकास के एक नए चरण, नयी शुरुआत का प्रतीक है। उनके नेतृत्व में, आईआईएम इंदौर प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा और आने वाले वर्षों में उत्कृष्टता का प्रतीक बना रहेगा।