PM Modi In Bengaluru : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 देशों (ग्रीस और साउथ अफ्रीका) की यात्रा व ब्रिक्स समिट में शामिल होकर आज भारत लौटे। सबसे पहले वे बेंगलुरु पहुंचे। जहां उन्होंने सुबह 6 बजे बेंगलुरु के HAL एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने लोगों को 10 मिनट तक संबोधित किया। इसके बाद 7 बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री बेंगलुरु के ISRO कमांड सेंटर पहुंचे। यहां वे चंद्रयान-3 की टीम के वैज्ञानिकों से मिल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने टीम के सभी वैज्ञानिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।
प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कही ये बातें
प्रधानमंत्री ने स्पीच की शुरुआत जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा लगाकर की। इसमें उन्होंने जय अनुसंधान का नारा भी जोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘सूर्योदय की बेला हो और बेंगलुरु का नजारा हो… देश के वैज्ञानिक देश को जब इतनी बड़ी सौगात देते हैं, इतनी बड़ी सिद्धि प्राप्त करते हैं, जो दृश्य मुझे बेंगलुरु में दिखाई दे रहा है, वो मुझे ग्रीस और साउथ अफ्रीका में भी देखने को मिला।
आप सुबह-सुबह इतना जल्दी आए, मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। मैं दूर विदेश में था। तो मैंने सोच लिया था कि पहले भारत जाऊंगा तो पहले बेंगलुरु जाऊंगा। सबसे पहले उन वैज्ञानिकों से मिलूंगा और उन्हें नमन करूंगा।’
वैज्ञानिकों को लेकर बोले प्रधानमंत्री ‘आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए, ये कोई साधारण सफलता नहीं’
साथ ही पीएम ने वैज्ञानिकों को लेकर कहा कि, “आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए, ये कोई साधारण सफलता नहीं। अनंत अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक सामर्थ का शंखनाद है। देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए हैं.. ये कोई साधारण सफलता नहीं है। ये अनंत अंतरिक्ष में भारत के सामर्थ्य का शंखनाद है।”
“इंडिया इज ऑन द मून, वी हैव अवर नेशनल प्राइड प्लेड ऑन मून। हम वहां पहुंचे जहां कोई नहीं पहुंचा था। हमने वो किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया था। ये आज का भारत है निर्भिक भारत, जुझारू भारत। ये वो भारत है जो नया सोचता है नए तरीके से सोचता है। जो डॉर्क जोन में जाकर भी दुनिया में रोशनी की किरण फैला देता है।”
“21वीं सदी में यही भारत दुनिया की बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान करेगा। मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो दिन, वो एक-एक सेकेंड बार-बार घूम रहा, जब टचडाउन कंफर्म हुआ। जिस तरह देश में लोग उछल पड़े वो दृश्य कौन भूल सकता है। वो पल अमर हो गया। वो पल इस सदी के प्रेरणादायक पलों में एक है। हर भारतीय को लग रहा था कि विजय उसकी अपनी है।”