राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज अपने पैतृक गांव परौंख का दौरा किया। यहां उन्होंने जन्मभूमि को नमन कर अपने माथे पर गांव की मिट्टी लगाई। इस दौरान उन्होंने अपने गांव में एक जन अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए प्रेसीडेंट ने अपनी पृष्ठभूमि को याद किया। उन्होंने कहा है कि परौंख एक गांव नहीं बल्कि उनकी मातृभूमि थी। जहां से उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे जैसे गांव के एक साधारण लड़के को देश के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी निभाने का सौभाग्य प्राप्त होगा। लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने ऐसा करके दिखाया है।
उन्होंने कहा आज मैं जहां पहुंचा हूं, उसका श्रेय इस गांव की मिट्टी को जाता है।’ मेरे गांव की धरती की महक और यहां के निवासियों की यादें मेरे दिल में हमेशा मौजूद हैं।उन्होंने कहा कि मेरे लिए परौंख सिर्फ एक गांव नहीं है। यह मेरी मातृभूमि है, जहां से मुझे हमेशा आगे बढ़कर देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली है। यह उनकी मातृभूमि की प्रेरणा थी जो हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट, उच्चतम न्यायालय से राज्यसभा, राज्यसभा से राजभवन और राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक ले गई। आगे उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोरोनावायरस से बचाने के लिए एक ढाल की तरह है। उन्होंने लोगों से टीकाकरण कराने का आग्रह किया। राष्ट्रति 29 जून को एक विशेष विमान ने नई दिल्ली को लौटेंगे।