रायपुर: छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में समूह की महिलाएं इस बार होली का त्यौहार केमिकल फ्री बनाने की तैयारियों में लगी हैं। इसके लिए महिलाओं द्वारा हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोड़ला के ग्राम राजानवागांव की जय गंगा मईया महिला स्व-सहायता समूह ने भी होली के त्योहार के लिए हल्दी, गेंदा, गुलाब, चुकन्दर, अनार के प्राकृतिक रस से अलग-अलग आकर्षक रंगों में हर्बल गुलाल तैयार किया है। यह गुलाल पूरी तरह जैविक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य और त्वचा के लिए लाभकारी है।
इसे भोरमदेव हर्बल गुलाल के नाम से मार्केट में लाया गया है। कबीरधाम जिला प्रशासन के सहयोग से समूह की महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय और जिला पंचायत कार्यालय में अपनी विक्रय के लिए भोरमदेव हर्बल गुलाल की दुकान लगाई है। महिला स्व सहायता समूह की सदस्य ने बताया कि कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा सहित कई अधिकारी-कर्मचारी द्वारा खरीदी करने से एक दिन में लगभग 8 हजार रूपए का हर्बल गुलाल की बिक्री हुई है।
समूह की सदस्यों ने बताया कि हर्बल गुलाल का स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। केमीकल युक्त गुलालों के विपरीत यह हर्बल गुलाल त्वचा एवं बालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और आंखो में जलन होने से बचाता है। पिछले कई दिनों से समूह कि महिलाएं फल, फूल इकट्ठा कर गुलाल तैयार करने में लगी थीं, जो अब बाजार के लिए तैयार है। हर्बल गुलाल के 250, 300 ग्राम के पैकेट में तैयार किए गए हैं, जिसमें लाल, पीला और हरे तीन आकर्षक रंगों के अलग-अलग पैकेट रखे गए हैं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के. ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत महिला समूह का गठन किया गया है। हर्बल गुलाल विभिन्न फूलों एवं फलों के रस से तैयार किया जा रहा है, जिसकी आपूर्ति बाबा भोरमदेव के मंदिर एवं नवधा रामायण के आयोजनों में चढ़ने वाले फूलों से की जा रही है। जय मां गंगा मईया महिला स्व-सहायता समूह में 10 सदस्य हैं। इन्होंने अब तक 75 किलो हर्बल गुलाल बना लिया है। यह गुलाल जिले के 3 स्थानों में विक्रय के लिए उपलब्ध है। जिला पंचायत एवं कलेक्ट्रेट में इस गुलाल को लोगों ने खूब पसंद किया जा रहा है।