Pregnancy Planning: गर्भ धारण करने से पहले जाने ये बात, इन 3 महीनों में प्रेग्नेंट होना है खतरनाक

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मां बनने की खुशी सबसे अलग होती है। एक महिला के जीवन का सबसे अहम हिस्सा भी है इसके साथ ही जिमेदारी भी कई गुणा अधिक बढ़ जाती हैं। लेकिन एक स्टडी में यह भी बात सामने आई है कि महिलाओं के प्रेग्नेंट होने का भी एक सही समय है। गर्मियों के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा बहुत ज्यादा होता है। 8 साल तक की गई एक स्टडी के दौरान 6000 महिलाओं की प्रेग्नेंसी को चेक किया। इस दौरान जो नतीजे सामने आए हैं हम आपको बताते हैं।दरअसल स्टडी के दौरान मिसकैरिज की दर जून ,जुलाई, अगस्त के महीने में सबसे ज्यादा रही, अगस्त के महीने में मिसकैरिज फरवरी के मुकाबले 44 फीसदी ज्यादा पाया गया। मिसकैरिज के ज्यादातर मामले 8 हफ्ते पूरे होने से पहले ही देखे गए हैं।

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वैज्ञानिकों का मानना है कि मिसकैरेज का मुख्य कारण गर्म मौसम के दौरान ज्यादा हिट और लाइफस्टाइल भी हो सकती है। लेकिन इसके लिए और भी स्टडी होना जरूरी है। बोस्टन विश्वविद्यालय के अध्ययन डॉक्टर अमेलिया वेसेलिक का कहना है कि मिसकैरेज का खतरा गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा होता है। गर्मी के कारण प्रेगनेंसी के दौरान और भी ज्यादा दिक्कत होती है और खतरा बढ़ जाता है। जैसे समय से पहले बच्चे का पैदा होना, जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना , गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो जाना।

प्रेगनेंसी के पहले 23 हफ्तों के दौरान मिसकैरेज होता है और इसके आम लक्षण वजाइनल बिल्डिंग, पेट के निचले हिस्से में क्रैप्स या दर्द होना, बहुत से मामलों में महिलाओं को यह जानकारी नहीं होती कि वह प्रेग्नेंट थी और उनका मिसकैरेज हुआ है। 3 से ज्यादा मिसकैरेज को असामान्य माना जाता है और 1 फ़ीसदी महिलाएं इससे प्रभावित भी होती हैं। अधिकतर मिसकैरेज बच्चे के असामान्य क्रोमोसोम्स के कारण होते हैं। लेकिन ध्यान रखने वाली बात कि मिसकैरेज को रोका नहीं जा सकता लेकिन प्रेग्नेंट होने पर शराब, नशीली दवाओं के सेवन और स्मोकिंग से बचना इस खतरे को कम कर सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखने की भी जरूरत होती है।

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स्टडी में यह भी बात सामने आई है और एक्सपर्ट का मानना है कि मिसकैरेज का खतरा उन महिलाओं में ज्यादा पाया गया जो बहुत अधिक गर्मी वाली जगह पर रहती है। मिसकैरेज का खतरा प्रेगनेंसी के किसी भी हफ्ते के दौरान फरवरी के अंत की तुलना में अगस्त के अंत में 31फीसदी ज्यादा था। लेकिन गर्मी के कारण गर्भवती महिलाओं में पानी की कमी के चलते पलेसेंटा के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है और यूट्रस में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता हैं। जिसकी वजह से बाकी मौसम की तुलना में गर्मियों में मिसकैरेज का खतरा बहुत ज्यादा होता है। लेकिन एक्सपर्ट को अभी इस पर पूरा यकीन नहीं हैं कि गर्मी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकती है और रिसर्च का कहना है कि अभी इस पर बहुत रिसर्च करने की आवश्यकता है।