कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में रोजाना कई हजार केस सामने आ रहे है। लेकिन इस बार अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या कम हो गई है क्योंकि इसके लक्षण काफी ज्यादा हो गए हैं। जिस वजह से लोग घरों में ही रह कर अपना इलाज कर लेते हैं। लेकिन कई बार ऐसा करना बहुत खतरनाक साबित हो सकता हैं।
जी हां, हाल ही में एक चिंताजनक बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि सर्दी-जुकाम या असिम्टोमैटिक या माइल्ड कोरोना होने पर लोग डॉक्टरों के पास नहीं जा रहे हैं। वहीं वह सभी अपने रिश्तेदार और पड़ोसियों से ही दवाइयों की सलाह ले कर खुद ही एंटीबायोटिक ले रहे हैं। अच्छा महसूस कर रहे हैं।
ऐसे में विशेषज्ञों की माने तो ऐसी दवाई बिना डॉक्टर के लेना काफी नुकसान दायक है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट सकती है। इस पर जैरिएट्रिक मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. विजय गुर्जर ने कहा है कि कोरोना आने के बाद लोगों ने कुछ एंटीबायोटिक जैसे आजीथ्रोमाइसिन आदि दवाओं के नाम रट लिए हैं। जरा सा भी कुछ लक्षण दिखते है तो लोग ये खा लेते हैं।
वहीं ये ही दवाएं वो रिश्तेदारों को लेने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन ये सही नहीं है। उन्होंने बताया है कि अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक लेना खतरनाक हो सकता है। दरअसल, ऐसा करने पर ये दवाएं लाभ के बजाय नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। क्योंकि ये कोई टॉफी नहीं है बल्कि दवाएं हैं। बिना डॉक्टरी सलाह के ली जाएंगी तो इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने की संभावनाएं भी रहती हैं।