सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है – डॉ वरुण कपूर

Share on:

इंदौर : सायबर जागरुकता अभियान “Black Ribbon Initiative” के तहत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. वरुण कपूर द्वारा 08.07.2023 को “द ओमनी स्कूल, इंदौर में 619 कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में स्कूल के 139 छात्र- छात्राओं, 16 अध्यापकगण ने भाग लिया। कार्यशाला में स्कूल के को-फाउण्डर एवं चेयरमेन सुमित सूरी एवं हेमन्त सूरी, प्राचार्य सतीश निरंजनी, एकेडेमिक डायरेक्टर एस. एन. पटवर्धन मुख्य रूपसे उपस्थित रहे। स्कूल के को-फाउण्डर एवं चेयरमेन सुमित सुरी एवं हेमन्त सुरी द्वारा डां. कपूर को शॉल श्रीफल एवं प्लांट भेट कर स्वागत किया गया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. वरुण कपूर, अमनि द्वारा सायबर अपराध बढ़ने के कारणों एवं उससे बचने के उपायों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये बताया कि सायबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसे विश्व के किसी भी कोने में बैठकर अंजाम दिया जा सकता है। इससे कोई भी देश अछूता नहीं है। बुलिंग, फिशिंग, स्टॉकिंग, ग्रुमिंग जैसे सायबर अपराधों से पूरा विश्व जूझ रहा है और इन अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही हैं। इन अपराधों से बचने के लिये सायबर स्पेश का उपयोग करते समय आपका सतर्कतापूर्ण व्यवहार एवं सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है। सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। सायबर अपराध को समाप्त तो नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ हद तक रोका जा सकता है।

सायबर अपराधों की घटनायें दिनोंदिन बढ़ रही है, किन्तु लोगों में इसको लेकर जागरूकता की बेहद कमी है और जागरूकता के अभाव के कारण प्रतिदिन सायबर अपराधी किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैं। बच्चों के साथ बुलिंग की घटनायें टेक्स्ट, ई-मेल, सोशल नेटवर्क और गेमिंग के जरिये की जाती है जो लगातार बढ़ रहीं है। डॉ. कपूर ने मुम्बई के एक व्यवसायी के पुत्र अदनान जिसकी उम्र 16 वर्ष थी, के साथ घटित ग्रुमिंग की घटना के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि उसे सायबर ग्रूमिंग के माध्यम से मुलाकात के लिये बुलाया गया और उसका अपहरण की फिरौती मांगी गई। फिरौती न मिलने पर उसकी हत्या कर दी गई। सोशल मिडिया से आपकी जानकारी लेकर सायबर अपराधी, सायबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

सोशल मिडिया- फेसबुक, इंस्टग्रा लिंक्डइन ट्वीटर, व्हाट्सअप इत्यादि का उपयोग सभी के द्वारा किया जाना आम हो गया है। सोशल मिडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति ने संपर्क एवं फ्रेण्ड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें। निजी जानकारियाँ जैसे बैंक खाता, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ओटीपी, यूपीआई पिन, आदि को किसी से भी शेयर करने से बचना चाहिये चाहे वह परिचित ही क्यों न हो। अनजान स्त्रोत से एप /गेम डाउनलोड न करें और न इंस्टाल न करें। सार्वजनिक स्थलों पर वाईफाई हॉटस्पॉट का उपयोग न करें। डॉ. कपूर द्वारा सोशल नेटवर्किंग एवं कम्प्युनिकेशन में अंतर बताते हुये अपने बारे में कितनी इनफरमेशन कब, कैसे और कहाँ शेयर करनी है, किस पोस्ट को लाईक, शेयर एवं फारवर्ड करने के बारे में सचेत रहने की आवश्यकता पर बल दिया।

इसके साथ ही ऑन लाईन गेमिंग के बारे में विस्तृत रुप से जानकारी देते हुए बताया कि ऑन लाईन गेमिंग का एडिक्शन एक तरह का गेमिंग डिसआर्डर है। छात्र-छात्राओं को इससे बचने की सलाह के साथ ही समय निर्धारण की आवश्यकता बतायी गई। छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासा प्रश्नों के माध्यम से रखी जिनका समाधान डॉ. कपूर ने सहजता से किया। कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्र-छात्राओं क्रमशः निकुंज एवं निहारिका को डॉ. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यशाला के समापन पर स्कूल के को-फाउण्डर एवं चेयरमैन सुमित सूरी एवं हेमन्त सूरी द्वारा डॉ. वरुण कपूर को प्रमाण पत्र भेंट किया गया। सेमिनार के सफल संचालन में निरीक्षक पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।