प्रशांत भूषण ने भरा जुर्माना, कहा- जुर्माना देने का मतलब यह नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकार किया

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नई दिल्ली। वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। बता दे कि, कुछ दिनों पहले ही प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में दोषी ठहराने के बाद प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद उन्होंने एक रुपये का जुर्माना भर दिया है।

वही प्रशांत भूषण ने सोमवार को जानकारी दी कि,वो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के अनुसार एक रुपये का जुर्माना भरने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, उनका जुर्माना देने का मतलब ये नहीं है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकार कर लिया है।

बता दे कि, प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने ट्वीटर को लेकर अवमानना का दोषी पाया था। वही 29 जून को किए गए इन ट्वीट्स में भूषण ने महंगी बाइक पर बैठे चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे की तस्वीर ट्वीट करते हुए टिप्पणी की थी। वही उन्होंने दूसरे ट्वीट में भारत के हालात के संदर्भ में पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर अपनी राय जताई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं ट्वीट को लेकर प्रश्न भूषण को अवमानना का दोषी पाया था। जिसके बाद जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने 25 अगस्त को सज़ा पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि ‘अगर ग़लती की गई हो तो माफ़ी मांग लेने में कोई नुक़सान नहीं है।’

लेकिन प्रशांत भूषण ने अपने वकील डॉक्टर राजीव धवन ने कहा कि भूषण कोर्ट का सम्मान करते हैं मगर पिछले चार चीफ़ जस्टिस को लेकर उनकी अपनी एक राय है। प्रशांत भूषण ने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया था।