‘प्रभात’ झा पहुंचे बेनीपट्टी, मां दुर्गा स्थान पर की पूजा-अर्चना, सोशल मीडिया पर बताई कालिदास के जीवन की घटना

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प्रभात झा जो की एक भाजपा कार्यकर्ता एवं पूर्व राज्यसभा संसद सदस्य है, ने मधुबनी जिले के ब्लॉक बेनीपट्टी में स्थित मां दुर्गा स्थान की पूजा अर्चना की। और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस स्थान की ऐतिहासिक महत्ता के बारे में बताया।

मधुबनी जिले के ब्लॉक बेनीपट्टी में स्थित मां दुर्गा स्थान के प्रति श्रद्धा और विश्वास की गहरी कहानी साकार करती है। यहां की पूजा-अर्चना का अद्भुत अनुभव इतिहास में अमर हो गया है। इस स्थान की धार्मिक महत्ता को दर्शाते हुए, एक प्राचीन कथा के आधार पर यहां की महिमा का वर्णन है। यह स्थान कालिदास जी के जीवन की एक घटना से जुड़ी हुई है, जब उन्हें मां दुर्गा की आशीर्वाद में ज्ञान प्राप्त हुआ था।

यह वही स्थान है जहां कालिदास जी ने अपने ज्ञान की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की आराधना की थी। उनकी प्रार्थना के परिणामस्वरूप, उन्हें ज्ञान की अद्भुत धारा मिली, जो उन्हें महान कविताओं के समृद्ध भंडार में ले आयी।

कालिदास के जीवन की घटना:

बेनीपट्टी में स्थित माँ दुर्गा स्थान, यह वही स्थान है जहाँ कालिदास ‘एक पेड़ की शाखा काट रहे थे जिस शाखा पर वह बैठे थे’ उनकी इस मूर्खतापूर्ण हरकत को देखकर उनकी पत्नी श्रीमती विद्योत्तमा ने कहा, “तुम कितने अज्ञानी हो, तुम जिस शाखा पर बैठे हो उसे ही काट रहे हो” पत्नी की बात से कालिदास जी बहुत दुखी हुए। और भारी बारिश और उफनती नदी में तैरकर वह माँ दुर्गा के चरणों में आ गए और माँ दुर्गा से प्रार्थना की, “मैं बहुत अज्ञानी हूँ, मुझे आपके आशीर्वाद से ज्ञान चाहिए।” परिणामस्वरूप, माँ दुर्गा ने कहा कि “आज रात तुम जिन भी पुस्तकों को छूओगे, तुम्हें उनका ज्ञान प्राप्त हो जाएगा।”

उस रात कालिदास जी वहां स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय गए और हजारों पुस्तकों का स्पर्श किया और उन्हें वास्तविकता में ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके बाद वहीं एक पेड़ के नीचे बैठकर उन्होंने चार महाकाव्यों की रचना की- कुमारसंभवम, मेघदूतम, अभिज्ञान शाकुंतलम, रघुवंशम।

‘आस्था का ही नहीं धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक’

मां दुर्गा स्थान, मधुबनी जिले के बेनीपट्टी ब्लॉक में एक अनमोल धारणी है जो न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। मां दुर्गा के इस स्थान पर नव दम्पत्ति विवाह के पश्चात सबसे पहले आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं, जो इसे लोकप्रियता का एक अनूठा केंद्र बनाता है। यहां पर बलि प्रथा अभी तक कायम है, जो स्थान की प्राचीनता और परंपरागत मूल्यों को दर्शाती है।

साथ ही, इस स्थान के आस-पास नदी और संस्कृत विश्वविद्यालय के अवशेष अनेक प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शाते हैं। अद्भुत इतिहास और धार्मिक महत्ता से युक्त मां दुर्गा स्थान एक ऐसा पवित्र स्थान है जो लोगों को धार्मिकता, आध्यात्मिकता और ज्ञान के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है।