पोस्ट वैलनेस केंद्र शुरू किए जाएं :कृष्णकांत रोकड़े

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इंदौर: सांसद प्रतिनिधि कृष्णकांत रोकड़े ने आज एसीएस, हेल्थ मोहम्मद सुलेमान से भेंट कर कोविड-19 नाइनटीन के मरीजों के संबंध में विस्तृत चर्चा की। रोकडे ने बिंदुवार उनका ध्यान आकर्षित करते हुए सर्वप्रथम कोरोना वैलनेस केंद्र शुरू करने की मांग की। उसके बाद उन्होंने ओम आइसोलेशन में गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को जब अचानक तबीयत बिगड़ती है। उस स्थिति में अस्पतालों में जगह उपलब्ध नहीं होने के चलते काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इसलिए उन्होंने सेंट्रल नेटवर्किंग सिस्टम को मजबूत करने की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि आमजन को भी यह बात अपने पता होना चाहिए कि किस अस्पताल में आईसीयू बेड खाली है, किस अस्पताल में सामान्य पेट खाली है कई बार देखने में आता है। परिजन अपने गंभीर मरीज को एक से दूसरे अस्पताल दौड़ आते रहते हैं और समय पर चिकित्सा उपलब्ध नहीं होने के कारण वह मृत्यु का शिकार हो जाता है। इसी के साथ कई बार कोरोना इन एवरी मरीजों की दिमागी हालत बिगड़ जाती है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुछ केस ऐसे भी आ रहे हैं जो कि कोरोनावायरस मरीजों का उपचार के दौरान वह दिमागी संतुलन खो बैठते हैं और किसी को पहचानने में भी सक्षम नहीं होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि महंगा रेमदेसीविर इंजेक्शन जो कि परिजनों द्वारा लाया जाता है। वह मरीज को लग रहा है या नहीं इसकी सुनिश्चित है तू उपचार मरीजों के कक्षा में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा कर एक स्क्रीन प्रतीक्षा हॉल में लगाई जानी चाहिए। जिससे परिजन यह देख सके कि हमारे परिवार जन का इलाज किस तरीके से हो रहा है।

रोकड़े ने पीपीपी के चार्जेस को लेकर भी बात की उन्होंने कहा कि एक सस्ता पीपी की रेट आज सरकारी गाइडलाइन के अनुसार लगभग डेढ़ ₹8000 प्रति टिकट चार्ज करते हैं। एक ही पीपी किट पूरे दिन भर नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ डॉक्टर्स अन्य स्टाफ उपयोग करते हैं। लेकिन यदि किसी वार्ड में 10 मरीज हैं तो उन 10 मरीजों के दिलों में 15 सो रुपए जोड़ दिए जाते हैं जो कि एक से दूसरे तक एक ही विकेट को पहनकर जाने से संक्रमण बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। साथ ही आर्थिक रूप से भी आमजन को परेशान होना पड़ रहा है हॉस्पिटल्स ने जो कोविड-19 का इलाज करते हैं उनकी भी स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनको भी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए।

श्री रोकड़े ने हाई फ्लो और साधारण ऑक्सीजन के की दरों में अंतर पर भी एसीएस का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा चुकी आमजन या नहीं जानता कि हाई फ्लो ऑक्सीजन कैसे दी जाती है और सामान्य ऑक्सीजन कैसे जिया दिया जाता है। कई बार यह देखने में आता है कि लोगों परिजनों को मरीजों को ऑक्सीजन लगा ही नहीं और उसका चार्ज लिया गया। कई मरीजों ने इस तरह की शिकायतें दर्ज करवाई है कि मुझे ऑक्सीजन ही नहीं लगा। लेकिन हाईफ्लक्स जन का चार्जेस लिया गया जो कि एक तरह से गलत है, प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोगों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके।

इस पर भी उन्होंने चर्चा की उन्होंने कहा कि जब परिजन अपने परिवार जन की डेड बॉडी अंत्येष्टि हेतु लेकर जाते हैं। उस दौरान भी काफी महंगा परिवहन चार्जेस भुगतान करना पड़ता है अतः इन सब चीजों को मध्य नजर रखते हुए आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखकर एक बार पुनः जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए रेट लिस्ट का रिव्यू पुनर्विचार होना चाहिए। सांसद प्रतिनिधि द्वारा श्री सुलेमान का धन्यवाद ज्ञापन किया गया कि उन्होंने पोस्ट वैलनेस सेंटर की रूपरेखा बनाने हेतु कमिश्नर डॉ.पवन शर्मा को तुरंत आदेशित किया।