नई दिल्ली: देश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर आई है। देश में कोरोना की पहली वैक्सीन जल्द ही आने वाली है। 73 दिनों में पहली कोरोना वैक्सीन ‘कोविशिल्ड’ बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी। कोविशिल्ड को पुणे की बायोटेक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार भारतीयों को कोरोना का मुफ्त टीका लगाएगी।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने जानकारी में बताया है कि, ‘भारत सरकार ने हमें विशेष निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है। इसके तहत हमने ट्रायल प्रोटोकॉल की प्रक्रिया को तेज कर दिया है ताकि ट्रायल 58 दिनों में पूरा हो जाए। इस तरह शनिवार को तीसरे फेज के ट्रायल का पहला डोज दिया गया है, दूसरा डोज शनिवार से 29 दिनों के बाद दिया जाएगा। ट्रायल का अंतिम डाटा दूसरा डोज दिए जाने के 15 दिन के बाद सामने आएगा। इसके बाद हम कोविशिल्ड को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं।”
इस प्रक्रिया में अब शनिवार से ही तेजी ला दी गई है। 17 केंद्रों में 1600 लोगों के बीच कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल 22 अगस्त से शुरू कर दिया गया है। इस प्रक्रिया में हर केंद्र पर लगभग 100 लोगों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ये वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट का है। सीरम इंस्टीट्यूट ने Astra Zeneca नाम की कंपनी से इस वैक्सीन को बनाने के लिए अधिकार खरीदे हैं। इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट Astra Zeneca को रॉयल्टी का भुगतान करेगी। इसके एवज में सीरम इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को भारत और दुनिया के 92 दूसरे देशों में बेचेगी।
केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि वो सीरम इंस्टीट्यूट से सीधे कोविशिल्ड वैक्सीन खरीदेगी और भारतीयों को कोरोना का टीका मुफ्त में लगाएगी। भारत सरकार जून 2022 तक सीरम इंस्टीट्यूट से 68 करोड़ टीके खरीदेगी।
सीरम से 68 करोड़ डोज खरीदने के बाद वैक्सीन की बाकी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ICMR और भारत बायोटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही Covaxine और निजी फार्मा कंपनी Zydus Cadila द्वारा विकसित की जा रही ZyCoV-D का ऑर्डर दे सकती है। बशर्ते इन कंपनियों का कोरोना वैक्सीन का ट्रायल सफल रहे।