दिल्ली में सरकारी बंगले को लेकर सियासत! कब-कब हुआ ऐसे मामलों पर बवाल, रोड पर आ गए थे पूर्व प्रधानमंत्री

srashti
Published on:

दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी का सरकारी बंगला इन दिनों सियासी बहस का केंद्र बन गया है। जहां विपक्षी पार्टी बीजेपी इस बंगले को “शीशमहल” कहकर निशाना बना रही है, वहीं मुख्यमंत्री आतिशी उपराज्यपाल पर बंगला खाली कराने का आरोप लगा रही हैं। बुधवार को आप के सांसद संजय सिंह और मंत्री सौरभ भारद्वाज मुख्यमंत्री के बंगले पर पहुंचे और वहां घमासान मचा।

दिल्ली में सरकारी बंगले को लेकर सियासत

यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में सरकारी बंगले को लेकर सियासी विवाद हो रहा है। पिछले 32 वर्षों में ऐसी घटनाएं कई बार सामने आईं, जब बंगला विवादों में घिरा था।

1. पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा का बंगला विवाद

1978 में कांग्रेस की हार के बाद गुलजारी लाल नंदा ने पार्टी से दूरी बना ली। इसके बावजूद, उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री होने के बाद भी कोई सरकारी बंगला नहीं मिला। 1993 में किराए पर रहते हुए उन्हें घर से निकाल दिया गया, और वे सड़क पर आ गए। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। अंततः, प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें आवास की पेशकश की, जिसे नंदा ने अस्वीकार कर दिया।

2. पासवान परिवार से छीना 12 जनपथ

2021 में लोजपा में बगावत के बाद चिराग पासवान को मंत्री पद से हटा दिया गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें 12 जनपथ बंगला खाली करने का आदेश दिया। यह बंगला 90 के दशक में रामविलास पासवान को आवंटित हुआ था। चिराग पासवान ने बंगला बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन अंततः उन्हें यह बंगला छोड़ना पड़ा।

3. शरद यादव का बंगला विवाद

पूर्व समाजवादी नेता शरद यादव को 2018 में राज्यसभा सदस्यता खोने के बाद सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला। शरद यादव ने विरोध किया, लेकिन उन्हें 2022 में अपना बंगला खाली करना पड़ा।

4. प्रियंका और राहुल गांधी का बंगला मुद्दा

2019 में एसपीजी सुरक्षा में बदलाव के बाद प्रियंका गांधी को लुटियंस दिल्ली में स्थित अपने बंगले को खाली करने का नोटिस मिला। इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रियंका से बंगला खाली करवाया जा रहा है, जबकि अन्य बड़े नेता इसे बचाने में सफल हैं। राहुल गांधी को भी 2023 में उनकी सांसद की सदस्यता रद्द होने के बाद अपना बंगला खाली करना पड़ा।

5. सुब्रमण्यम स्वामी का कोर्ट में मामला

सांसद मनोनीत रहे सुब्रमण्यम स्वामी को 2022 में सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला। स्वामी ने इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन अंततः कोर्ट ने उन्हें बंगला खाली करने का आदेश दिया।

दिल्ली में सरकारी बंगलों को लेकर यह केवल कुछ उदाहरण हैं। ऐसे मामलों में हमेशा सियासी समीकरण बदलते हैं, और इन विवादों की गूंज देशभर में सुनाई देती है।